वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- सीएक्यूएम का आदेश था कि 12 दिसंबर तक वहां पर कोयला आधारित इंडस्ट्री नहीं चलेगी, जहां पर पीएनजी की सप्लाई है। इस तरह से सिर्फ सेक्टर-29 पार्ट-1 व 2 एरिया ही कुछ प्रभावित होना चाहिए था। लेकिन आदेश की आड़ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वाले जहां-तहां नोटिस भेज रहे थे। जिससे दहशत में सभी डाइंग इंडस्ट्रीज और कोयल आधारित प्लांट बंद हो गए थे।
शनिवार को उद्यमियों के डेढ़ घंटे के प्रदर्शन के बाद सोमवार से 8 घंटे इंडस्ट्री चलाने की अनुमति मिल गई। आज से पानीपत डाइंग इंडस्ट्रीज के साथ ही कास्टिंग मशीनें, कंबल व चादर के प्लांट चलने शुरू हो जाएंगे। एयर क्वालिटी मैनेजमेंट आयोग ने 2 दिसंबर को जारी आदेश को फिर से लागू कर दिया। जिसमें सप्ताह में 5 दिन यानी सोमवार से शुक्रवार तक 8 घंटे इंडस्ट्री चलाने का आदेश था। 7 दिसंबर को आयोग ने कोयला आधारित सभी इंडस्ट्री को बंद करने का आदेश दिया था। इन पांच दिनों में करीब 2000 करोड़ रुपए के प्रोडक्शन प्रभावित हुए। 500 डाइंग यूनिट्स, 43 कास्टिंग प्लांट, 70 कंबल और 85 प्रिंटिंग प्लांट में काम ठप था। जिससे सेक्टर-25 पार्ट-1 व 2, सेक्टर-29 पार्ट-1 व 2 के साथ ही ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में सन्नाटा पसरा होता था। उद्यमियों ने इंडस्ट्री चलाने की अनुमति देने का स्वागत किया है, लेकिन अभी भी संतुष्ट नहीं हैं। क्योंकि, उद्यमी प्लांट चलाने के लिए 24 घंटे का समय मांग रहे हैं।
आपको बता दें कि आज से कपड़ों की रंगाई शुरू हो जाएगी। जिससे कंबल और चादर के प्लांट भी चलेंगे। एक्सपोर्टरों के काम ठप पड़े थे, उसे भी गति मिलेगी। कास्टिंग इंडस्ट्रीज चलने से लोहों की ढलाई, कृषि उपकरण सहित अन्य पार्ट्स बनने शुरू होगें। वहीं जेनरेटर चलाने पर लगी रोक अभी सीएक्यूएम ने नहीं हटाई है। एक बात स्पष्ट है कि 8 घंटे का जो समय दिया गया है, उस दौरान जेनरेटर तो चला ही सकेंगे। देखना होगा कि इसको किस तरह से लागू किया जाता है। क्योंकि, बैंक्वेट हॉल आदि में जेनरेटर का उपयोग होने दिया जाएगा कि नहीं, इसका नए आदेश में जिक्र नहीं है।
TEAM VOICE OF PANIPAT