वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- अब किसानों को फसलों के बीच में घुसकर खाद-दवा का छिड़काव करने की जरूरत नहीं हैं। इसके लिए इफको ड्रोन छिड़काव स्कीम लेकर आया है। इस प्रक्रिया से एक एकड़ 10 मिनट में कवर होगा। स्कीम का सफल प्रयोग हरियाणा के करनाल जिले के गांव जमालपुर में आलू की फसल पर किया गया। जो अब पूरे प्रदेश में बढ़ाया जाएगा। ऐसा होने से किसानों की कई समस्याएं दूर होंगे।
इफको क्षेत्रीय प्रबंधक करनाल डॉ. निरंजन सिंह ने बताया कि किसानों के सामने फसलों के बीच जाकर छिड़काव करने में काफी दिक्क्तें आ रही थी। इनमें धान, गन्ना जैसी फसलें शामिल हैं। बागवानी में भी यही दिक्कत रहती थी। ऐसे में इफको ने ड्रोन प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। इसे कोई भी प्रोग्रेसिव संस्था या किसान ड्रोन का परचेज करके सेंटर के रूप में तैयार कर सकता है। जहां से किसान छिड़काव करवा सकता है।
उन्होंने बताया कि जो मॉडल उन्होंने तैयार किया है, वह 10 लीटर घोल को एक बार में लेकर जाएगा। 10 लीटर घोल एक एकड़ के लिए पर्याप्त होता है। इसका प्रेशर सूक्ष्म बूंदों को बनाता है, जिससे पूरा एरिया कवर हो जाएगा। जहां पर ड्रोन का घोल खत्म होगा, वह दोबारा वहीं से काम शुरू करेगा।
अब आपको इसके फायदे बताते हैं
मौजूदा समय में लेबर ज्यादा बढ़ती जा रही है। जो किसानों की परेशानी को बढ़ा रही थी। ड्रोन प्रोजेक्ट, लेबर छिड़काव से सस्ता पड़ेगा। 10 मिनट में एक एकड़ को कवर किया जा सकता है। पूरे रकबे में एक साथ खाद-दवा का छिड़काव हो सकेगा। कई बार मजदूर समय पर मिलते नहीं। ड्रोन में एक यंत्र लगाया गया है। जो पूरे एरिया की मैपिंग करेगा। ऐसे होने से खाद-दवा के छिड़काव करते समय कोई भी स्थान नहीं छूटेगा। सबसे पहले हरियाणा के करनाले जिले के जमालपुर गांव से इसकी शुरूआत की गई है। आलू की फसल पर पहली बार स्प्रे किया गया। इसके बाद गांव रायपुरा व काछवा में किसानों को डेमोस्टेशन दी। डेमोस्टेशन से किसानों को इस तकनीक की जानकारी दी। करनाल में हमारा प्रयोग सफल रहा। इसको पूरे प्रदेश बढ़ाया जाएगा।
TEAM VOICE OF PANIPAT