वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- हरियाणा के सिरसा से निर्दलीय विधायक और हरियाणा लोकहित पार्टी के सुप्रीमो गोपाल गोयल कांडा के ठिकानों पर बुधवार सुबह से चल रही ED की रेड गुरुवार अल सुबह खत्म हो गई.. इसके बाद टीम और सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस जवान रवाना हो गए.. रेड सुबह करीब 3 बजे तक चली और 21 घंटे तक गोपाल कांडा की संपत्ति का ब्योरा खंगाला गया। रेड में ईडी के हाथ क्या लगा है, इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.. जानकारी के अनुसार हरियाणा में गृह राज्य मंत्री रह चुके विधायक गोपाल कांडा के खिलाफ ईडी आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच कर रही है.. बुधवार को सुबह 6 बजे के करीब ईडी के अधिकारी सिविल लाइन्स स्थित आवास कांडा के एमडीएलआर आफिस में रेड करने पहुंचे थे.. छानबीन करीब 21 घंटे तक लगातार जारी रही। गोपाल कांडा के आवास पर रेड पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस ओबीसी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव ने चुटकी ली है.. उन्होंने कहा की जैसे लक्स जो बनियान है, उसमे आता है अंदर की बात है वैसे ही इनकी ये रेड भी अंदर की ही बात है..
हरियाणा के पूर्व गृह राज्यमंत्री व विधायक गोपाल कांडा करोड़पति हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में दाखिल एफिडेविट के मुताबिक कांडा के पास करीब 70 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। सिरसा में करीब ढाई एकड़ में उन्होंने अपना महल बनवा रखा है जिसके अंदर हेलिकॉप्टर उतरने तक की सुविधा उपलब्ध है.. इस महल की कीमत करोड़ों में है। गोपाल कांडा के पिता मुरलीधर कांडा की पृष्ठभूमि RSS की थी। सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले गोपाल कांडा ने दसवीं तक पढ़ाई की है..आज कांडा का गोवा में बिग डैडी नाम से कैसीनो चलता है। उन्हें गोवा का कैसीनो किंग भी कहा जाता है.. एक समय कांडा का कैसीनो गोवा में समुद्र के अंदर खड़े रहने वाले शिप पर चलता था। गोपाल कांडा की कंपनी मैसर्स गोल्डन ग्लोब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के इस शिप में उनका कैसीनो रियो चलता था। यह शिप गोवा की मंडोवी नदी में खड़ा रहता था..
कांडा के करोड़पति बनने का असली सफर साइबर सिटी गुरुग्राम से वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ। उस समय राज्य में ओमप्रकाश चौटाला की अगुवाई में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की सरकार थी। उस समय कांडा INLD सुप्रीमो चौटाला के बेहद करीब थे.. चौटाला सरकार के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले में तैनात रहे एक IAS अफसर से हाथ मिलाया। उसी समय सिरसा में तैनात रहा वह आईएएस अफसर भी गुरुग्राम में हुडा (अब HSVP) का प्रशासक लग गया.. उससे दोस्ती का फायदा उठाते हुए कांडा ने गुरुग्राम में प्लाटों की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी। चौटाला सरकार में कांडा के राजनेताओं से अच्छे संबंध बन गए.. यह वो दौर था जब गुरुग्राम तेजी से डवलप हो रहा था और बड़ी-बड़ी कंपनियां वहां अपने कार्पोरेट दफ्तर खोल रही थी। गोपाल कांडा को इस डवलपमेंट का जमकर फायदा मिला..
TEAM VOICE OF PANIPAT