वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- पानीपत जिले का कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4.5 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन मुस्तैदी के दावे कर रहा है, लेकिन धरातल पर ये दावे हवाई साबित हो रहे हैं। लघु सचिवालय को छोड़ दें तो अन्य जगहों पर कहीं भी बिना टीकाकरण वालों पर सख्ती नहीं हो रही है। सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग बिना मास्क लगाए ही पहुंच रहे हैं। नगर निगम की बिना मास्क वालों के खिलाफ गठित टीम फील्ड से नदारद है। इसके अंतर्गत अब तक एक भी व्यक्ति का चालान नहीं कटा है।
पानीपत में लघु सचिवालय को छोड़कर बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सिविल अस्पताल, बाजार, सड़कों, पेट्रोल पंप व गैस एजेंसी समेत कई अन्य जगहों पर कहीं भी टीकाकरण के सर्टिफिकेट की जांच नहीं हो रही है। इन जगहों बिना मास्क लगाए लोग भी बिना रोक-टोक के पहुंच रहे हैं। नगर निगम की बिना मास्क वालों के खिलाफ गठित टीम कहीं नजर नहीं आ रही है। यहां अब तक एक भी व्यक्ति का चालान नहीं कटा है। बाजारों में भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका। इसलिए कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। बता दें कि सबसे अधिक संक्रमण फैलने का खतरा सिविल अस्पताल में है। यहां हर रोज 1300 से अधिक ओपीडी हो रही है। अब तक सरकार ने ओपीडी, मेडिकल सर्टिफिकेट व सर्जरी जैसी सेवाओं को रोका नहीं है। अस्पताल में हर रोज दो हजार से अधिक लोग कोविड टीकाकरण के लिए आते हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। यहां जुटने वाली भीड़ कोरोना संक्रमण के लिए संजीवनी का काम कर सकती है।
सरकार ने निर्देश दिए थे कि नो मास्क नो सर्विस, लेकिन बैंकों में इन कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। जिले के 52 बैंक की 252 ब्रांच में हर रोज 30 हजार से अधिक लोगों का आना जाना होता है। कोरोना की पहली व दूसरी लहर में बैंक के 200 से अधिक कर्मचारी संक्रमित हो चुके है, लेकिन बैंकों में ग्राहक बिना मास्क के पहुंच रहे हैं। गेट पर कोरोना टीकाकरण सर्टिफिकेट की जांच नहीं हो रही है। कोरोना के खिलाफ लड़ने की जिम्मेदारी हम सबकी है। लोगों को खुद कोरोना के खिलाफ जागरूक होना होगा। सिविल अस्पताल में नो मास्क नो सर्विस नियम को लागू कर दिया गया है। जनता को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
TEAM VOICE OF PANIPAT