वायस ऑफ पानीपत(कुलवन्त सिंह)- उत्तर प्रदेश में पुलिस ने बदमाशों पर शिकंजा कस रखा है। कई बदमाश पुलिस की गोली का निशाना बन चुके हैं, तो कई जेलों में बंद हैं। जो बदमाश बचे हैं उनकी यूपी में वारदात करने की हिम्मत नहीं हो पा रही है। इसी वजह से वहां के बदमाशों ने पानीपत की बाहरी कालोनियों में किराये के मकानों को ठिकाना बना लिया है। यहां पर 12 बदमाशों ने 45 बाइक और एक्टिवा चोरी कर ली। डेढ़ महीने के भीतर इन बदमाशों को पुलिस काबू कर चुकी है।
एक बदमाश अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह में शामिल होकर हथियार बेचने लगा। तीन बदमाशों को उत्तर प्रदेश से अवैध हथियारों की सप्लाई करने के मामले में पकड़ चुकी है। बदमाश जेल से छूटने के बाद वारदात कर देते हैं। इन बदमाशों ने जिलावासियों का चैन छीन लिया है। वहीं पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए हैं। पुलिस यूपी के बदमाशों का रिकार्ड तैयार करने में जुटी है। पहला मामला उत्तर प्रदेश के जिला शामली के औदरी गांव का 65 वर्षीय मतलूब जीप से आता था और बाइक चुराकर ले जाता था। उसने जिले में विभिन्न जगहों से 29 बाइक चोरी कर ली। इनमें से वह 15 बाइक गुड़ विक्रेताओं व भैंस व्यापारियों को आठ से हजार रुपये में बेच भी दिया। पुलिस ने मतलूब को घर से गिरफ्तार किया और चोरी की 14 बाइक बरामद की। चोरी की बाइकों को बेचकर वह 18 सदस्यीय परिवार को पोषण कर रहा था।
वही दूसरा मामला है उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर के दुधली गांव के सूरज, खालिद, बदायूं के खजुरिया गांव के आकाश और मुजफ्फरनगर के डिडावली गांव के मोहर सिंह ने पानीपत के विकास नगर और विद्यानंद कालोनी में किराये का कमरा ले रखा था। ये बदमाश पड़ोसियों को बताते थे कि फैक्ट्री में काम करते हैं। इन्होंने रेकी कर छह बाइक और एक एक्टिवा चोरी कर ली। चोरी की बाइक बेचने के प्रयास में चारों पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
ऐसी वारदातें रूकने का नाम नहीं ले रहीं है वहीं उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर के गांव बुढ़ाखेड़ा गांव का महफूज उर्फ फौजी बलजीत नगर में किराये का मकान लेकर रहने लगा। पहले टैक्सी चलाई। कोरोना में काम नहीं चला तो अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह के सरगना मध्यप्रदेश के बच्चन सिंह उर्फ बच्ची से हाथ मिला लिया। उनके लिए हथियारों को हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व आसपास के प्रदेशों में बेचने लगा। पुलिस ने महफूज को 10 अवैध पिस्तौल सहित और उसके तीन साथियों को 25 पिस्तौल समेत काबू किया। ये उत्तर प्रदेश के बदमाश किराये के मकानों में रहते हैं। किरायेदारों की वेरीफिकेशन न कराए जाने के कारण बदमाश इसका फायदा उठाते हैं। वे चोरी, लूट व झपटमारी की वारदात करते उत्तर प्रदेश में भाग जाते हैं। स्थाई पता न होने के कारण बदमाशों को पकड़ने में दिक्कत आती है। कई बदमाश जेल से छूटने के बाद वारदात कर देते हैं। ऐसे बदमाशों पर नजर रखी जा रही है। इनका रिकार्ड भी तैयार किया जा रहा है, ताकि वारदातों को रोका जा सके।
TEAM VOICE OF PANIPAT