वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- कोविड-19 महामारी के दौरान फर्जी ऑक्सीमीटर एप के द्वारा होने वाली धोखाधडी से सावधान रहने के बारे में पानीपत पुलिस ने एडवाइजरी जारी की
फर्जी ऑक्सीमीटर एप से रहे सावधान —
ऑक्सीजन का स्तर जाचने के लिए अगर आप किसी आक्सीमीटर मोबाईल एप को डाउनलोड करने जा रहे है तो सावधान हो जाएं। एप भले ही काम न करे, लेकिन साईबर ठग आपके बैंक खाते की पूरी रकम निकाल सकते है। आक्सीमीटर के नाम से भेजे जा रहे लिंक पर क्लिक ना करें। ऐसे एप डाउनलोड करने से बचें ।
एसपी शशांक कुमार सावन ने कोविड-19 महामारी के दौरान मोबाइल में फर्जी ऑक्सीमीटर एप्लीकेशन के प्रयोग से आमजन को सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि साइबर अपराधियों ने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर का पता लगाने के लिए कॉविड से संबंधित एप बनानी शुरू कर दी हैं। इंटरनेट पर कुछ लोग यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) लिंक के माध्यम से लोगों के ऑक्सीजन लेवल की जांच के लिए मोबाइल आक्सीमीटर एप प्रदान करने के लिए फर्जी विज्ञापन दे रहे हैं। इस तरह के एप बनाने वाले लोग मोबाइल में एप डाउनलोड करने के बाद उपयोगकर्ताओं को बेवकूफ बनाते हैं। लोग सोचते हैं कि इन एप्लीकेशन से ऑक्सीजन का स्तर जांचना आसान है जबकि यह बहुत खतरनाक है।
एसपी ने कहा कि साइबर अपराधी एप्लीकेशन के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचने के लिए गूगल पे, फोन पे, पेटीएम इत्यादि के लिए उपयोग किए गए फिंगर प्रिंट डाटा का उपयोग करते हैं। फर्जी ऑक्सीमीटर एप लोगों के डाटा तक पहुंचने और धोखाधड़ी की गतिविधियों का संचालन करने में सक्षम है। लोग इन ऐप को मुफ्त में डाउनलोड करते हैं और सोचते हैं कि यह काफी सस्ता है लेकिन लोगों को ऐसी ऐप से सावधान रहना चाहिए।
एसपी ने कहा कि उपयोगकर्ता जब इस प्रकार की एप्लीकेशन डाउनलोड करते हैं तो ये एप ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए फोन लाइट, कैमरा, फिंगर प्रिंट स्कैनर का उपयोग करता है। फिंगर प्रिंट स्कैनर के साथ ही जालसाज लोगों के डाटा तक पहुंचने में सक्षम हैं। इस प्रकार की एप मोबाइल में फोटो गैलरी को भी एक्सेस करने की अनुमति मांगता है, जब लोग अनुमति देते हैं तो यह जालसाज फोटो गैलरी के माध्यम से भी खातों को हैक कर सकते हैं ।
एसपी शशांक कुमार सावन ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कभी ऐसा कोई एप डाउनलोड न करें जो इस तरह के कपटपूर्ण दावे करता हो। उपयोगकर्ता को ऑक्सीमीटर के काम करने के बारे में सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी एप को डाउनलोड करने से पहले ध्यान से सोचें और डाउनलोड के समय एप द्वारा मांगी जाने वाली अनुमति की समीक्षा करें।
TEAM VOICE OF PANIPAT