वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- आंगन बाडी़ वर्कर व हेल्पर यूनियन ने अपनी मांगों को लागू करवाने के लिये बुधवार पंचकूला सेक्टर आठ में सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। 49 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने सुध नहीं ली तो वर्कर व हेल्पर ने पंचकूला सेक्टर 8 में सड़क पर रोष प्रदर्शन किया। इससे पहले शालीमार माल ग्रांउड पर हरियाणा प्रदेश से हजारों वर्कर व हेल्पर इकटठे होकर हाउसिंग बोर्ड चौक की ओर कूच किया। चंडीगढ़ मुख्यमंत्री के निवास पर कूच करने से पहले ही पुलिस ने चौंक पर आंगनबाडी व हेल्पर वर्कर को रोक लिया।
आंगनबाड़ी वर्कर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 02 अक्तूबर 1975 को सरकार ने समेकित बाल विकास विभाग का गठन किया और इस नींव को मजबूत करते हुए आंगनवाड़ी का नाम दिया। इन महिलाओं ने 46 साल में सरकार ने जो भी जिम्मेवारी सौंपी,उसे बडे उत्साह से करके सरकार को दिखाया। गर्भवति महिलाओं व छोटे बच्चो, आप की बेटी हमारी बेटी के फार्म हड़ताल के कारण अधूरे पड़े हैं।सरकार वैसे तो महिलाओं का आदर करती है परंतु सरकार वर्कर व हैल्पर महिलाओं को महिला नहीं मानती। मांग पूरी तो दूर की बात बातचीत भी नहीं रही है। धरने के दौरान एक वर्कर व एक हेल्पर का निधन हो गया है। उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हुई । सरकार प्रधान मंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत 2017में घोषणा हुई आज तक लागू नही हुए।
वर्करों का कहना है कि कोरोना में वर्कर व हेल्पर की मौत हो गई है। किसी को भी कुछ नहीं मिला। अब सरकार कुशल व अर्ध कुशल मजदूर मानने से भी हाथ पीछे खींच रही है। एक महिला अपने चार सदस्यों के साथ 10000 या 5500 रूपये में कैसे गुजारा करें। जबकि महंगाई चरम सीमा पर है। इनके सामने सरकार से 2018 में सरकार से हुए समझौते को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
TEAM VOICE OF PANIPAT