वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- एशियन गेम्स के ट्रायल में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को छूट देने के खिलाफ दायर रेसलर अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल की याचिका पर आज शुक्रवार को फिर दूसरे दिन सुनवाई होगी… गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई… कोर्ट ने इस पर WFI से जवाब मांगा है… कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ को आज अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया… वहीं, साक्षी मलिक ने ट्वीट करके कहा कि सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है… मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूं और न ही इसका समर्थन करती हूं… सरकार की इस मंशा से विचलित हूं। हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है।
वहीं साक्षी मालिक ने आगे कहा- मुझे 3-4 दिन पहले सरकार की तरफ से फोन आया था कि हम बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स के लिए भेज रहे हैं, आप भी मेल कर दो, आपको भी भेज देंगे। मैंने साफ मना कर दिया…
एशियन गेम्स काउंसिल (OCA) को देश के ट्रायल्स से कोई मतलब नहीं। उनके लिए इंडियन ओलिंपिक कमेटी (IOA) और स्पोर्ट्स के नेशनल एसोसिएशन से भेजी टीम चाहिए होती है। एशियन कमेटी WFI की ओर से भेजे गए नाम को फाइनल मानेगी… भारत में कई खेलों के ट्रायल्स नहीं होते, लेकिन IOA एशियन गेम्स में उन्हीं खेलों के लिए टीम भेजता है, जहां टीम की एशियन रैंकिंग टॉप-8 के अंदर हो… इसीलिए क्रिकेट टीम एशियन गेम्स में जा रही है और फुटबॉल टीम नहीं। क्रिकेट टीम एशिया में टॉप पर है तो वहीं फुटबॉल टीम एशियन रैंकिंग में 18वें नंबर पर है…
2013 में बृजभूषण शरण सिंह WFI के चीफ बने, उन्होंने कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स, वर्ल्ड चैम्पियनशिप और ओलिंपिक गेम्स जैसी बड़ी चैम्पियनशिप में रेसलर्स के नाम भेजने के लिए ट्रायल्स को जरूरी कर दिया। तब से हर बार ट्रायल्स में सिलेक्ट होने वाले रेसलर्स को ही भारत के लिए खेलने का मौका मिलता है। इसीलिए इस बार भी रेसलिंग के ट्रायल्स हो रहे हैं… 22 और 23 जुलाई को रेसलिंग के ओपन ट्रायल्स होंगे। इसमें बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को छोड़कर सभी रेसलर्स हिस्सा लेंगे। ट्रायल्स में टॉप पर रहे रेसलर्स एशियन गेम्स में भारत से खेलेंगे। विनेश फोगाट 53 किग्रा वर्ग में खेलती हैं, उनके खिलाफ इसी वर्ग की अंतिम पंघाल ने याचिका दायर की। बजरंग 65 किग्रा वर्ग में खेलते हैं। उनके खिलाफ इसी कैटेगरी के संजीत कलकल ने याचिका दायर कराई…
याचिका में दलील दी गई है कि इन पहलवानों ने जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा था कि उनकी लड़ाई न्याय और जूनियर पहलवानों के हित के लिए है, अब वे जूनियर पहलवानों को किनारे करना चाहते हैं। इसलिए हमें इस फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करना पड़ा।
इससे पहले WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा कि उन्होंने कुश्ती में यह प्रथा खत्म कर दी थी। महिला रेसलर्स के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण ने कहा कि एडहॉक कमेटी के फैसले से दुखी हूं। यह फैसला इस देश की कुश्ती को गर्त में ले जाएगा।
बृजभूषण बोले- ट्रायल में छूट देने से जूनियर पहलवानों का नुकसान हो रहा था। ट्रायल में छूट के मामले पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। हरियाणा की पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने विनेश-बजरंग की एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री को गलत बताया है।
TEAM VOICE OF PANIPAT