27.5 C
Panipat
May 9, 2025
Voice Of Panipat
Big Breaking NewsHaryanaHaryana News

हरियाणा में गरीब बच्चो की पढ़ाई के लिये सरकार ने लिया फैसला, शहरी-ग्रामीण स्कूलों को मिलेगा समान लाभ

वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- हरियाणा सरकार ने गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाने की फीस प्रतिपूर्ति राशि में प्रति बच्चा 200 रुपये की बढ़ोतरी की है। निजी स्कूलों की मांग पर यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बीते दिन चंडीगढ़ में बातचीत के दौरान इसकी घोषणा की। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों के लिए समान वृद्धि की गई है। अभी मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या 138 है, इन्हें अगले साल बढ़ाकर 500 करेंगे। जानकारी के दौरान मुख्यमंत्री ने निजी स्कूलों से गरीब बच्चों को दाखिला देने की अपील की है। उन्होंने बताया कि नियम-134ए के तहत मेधावी छात्रों को निजी स्कूलों में प्रवेश देने के लिए प्रबंधन प्रतिपूर्ति राशि बढ़ाने की मांग कर रहा था। जिसे स्वीकार कर लिया है।

शैक्षणिक सत्र 2021-22 से 200 रुपये फीस बढ़ोतरी लागू होगी। कुछ स्कूल प्रतिपूर्ति राशि कम होने का हवाला देकर बच्चों को दाखिला देने का विरोध कर रहे थे। बच्चों के भविष्य को देखते हुए राशि बढ़ाने का फैसला लिया, जिससे सरकार पर लगभग 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। अब ग्रामीण क्षेत्रों में पांचवीं कक्षा तक 500 रुपये और छठी से आठवीं तक 700 रुपये प्रति बच्चा मिलेंगे। अभी ये 300 और 500 रुपये थी। शहरी क्षेत्र में अब पांचवीं कक्षा तक 700 रुपये और छठी से आठवीं कक्षा तक 900 रुपये प्रतिपूर्ति फीस होगी। अभी ये 500, 700 रुपये थी। वर्तमान में निजी स्कूलों में लगभग 12000 गरीब बच्चों को दाखिला मिल चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सत्र में 134-ए के तहत 41680 गरीब बच्चे मूल्यांकन परीक्षा में पास हुए थे। 2000 आवेदन फार्म निरस्त हुए। परिवार पहचान पत्र के तहत आय सत्यापन के बाद यह विवाद खड़ा हुआ कि 2 लाख रुपये से अधिक आय वाले परिवार भी अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवाना चाह रहे हैं, जो संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि डीसी, जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से आय सत्यापन के बाद ही 2 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को दाखिला दिलवाया जा रहा है। बाकी 30,000 पात्र बच्चों का प्रवेश दो-तीन दिनों में हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नियम-134ए के दाखिलों को लेकर हर साल होने वाले विवाद का स्थायी हल निकाल रहे हैं। मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या बढ़ने पर इनमें भी 1.80 लाख आय वाले परिवारों के गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिलाएंगे। इन स्कूलों में अंग्रेजी में पढ़ाई होगी। शिक्षकों का विशेष कैडर होगा। मूल्यांकन परीक्षा लेकर ही दाखिला देंगे। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि इस सत्र के लिए बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए एक सप्ताह की अवधि और बढ़ा दी है। 7 जनवरी को दाखिलों के लिए तय अवधि खत्म हो रही थी। भविष्य में मॉडल संस्कृति स्कूल भी गरीब परिवारों के बच्चों के लिए एक विकल्प होंगे।

TEAM VOICE OF PANIPAT

Related posts

हरियाणा के यूरिया की 3 राज्यों में अवैध सप्लाई

Voice of Panipat

अजमेर-जम्मूतवी Express 5 दिन नहीं चलेगी

Voice of Panipat

UPSC का रिजल्ट घोषित, लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव ने हासिल की पहली रैक

Voice of Panipat