वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है बता दें कि हरियाणा में इस बार जमीन के कलेक्टर रेट में 5 से लेकर 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। कुछ जिले ऐसे भी हैं, जहां 20 प्रतिशत से भी अधिक दरें बढ़ाई गई हैं। इससे जमीन की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। प्रदेश में भूमि के नए कलेक्टर रेट लागू होने से ही जमीन की रजिस्ट्री कराना महंगा पड़ेगा। जिला उपायुक्तों ने यह रेट अपने-अपने जिलों में तय कर दिए, जो सोमवार से लागू भी हो गए।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 17 जिलों में नए रेट पर रजिस्ट्री शुरू हो गई हैं। पांच जिलों में अभी कलेक्टर रेट को लेकर प्रक्रिया चल रही है। इस सप्ताह में यह भी पूरी होने के आसार हैं। कलेक्टर रेट के हिसाब से ही स्टांप ड्यूटी लगती है। सरकार ने कलेक्टर रेट तय करने के लिए उपायुक्तों को ही अधिकार दिए हुए हैं। जिला उपायुक्त स्थानीय हिसाब से कलेक्टर रेट तय करते हैं। पंचकूला, गुरुग्राम, यमुनानगर, रोहतक और झज्जर में कलेक्टर रेट अभी तय नहीं हुए हैं। अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, सोनीपत, जींद, भिवानी, फतेहाबाद, सिरसा, हिसार, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, पलवल, फरीदाबाद व पलवल डीसी द्वारा बढ़ाए गए कलेक्टर रेट पर सरकार की मुहर लग चुकी है।
इसके बाद इन जिला उपायुक्तों द्वारा स्थानीय स्तर पर इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि कलेक्टर रेट से कम पर रजिस्ट्री करवाना कानूनन गलत है। फतेहाबाद में इसी तरह का एक मामला पिछले कई दिनों से सुर्खियों में है। इस मामले में जांच का सामना कर रहे एचसीएस अधिकारी का भी सरकार ने फतेहाबाद से तबादला कर दिया है। जमीन के कलेक्टर रेट मार्केट, एरिया व प्रापर्टी के हिसाब से तय होते हैं। कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद इस वित्तीय वर्ष में अभी तक पांच लाख से अधिक प्रापर्टी की रजिस्ट्री हो चुकी है।
TEAM VOICE OF PANIPAT