वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- दिल्ली एम्स से रोहतक सुनारिया जेल आते समय डेरा प्रमुख गुरमीत को स्पेशल गेस्ट से मिलाने के मामले में डीएसपी महम शमशेर सिंह पर गाज गिर गई है। आरोप है कि सुरक्षा के ओवरआल इंचार्ज रहे डीएसपी ने वापस लौटते समय डेरा प्रमुख को कुछ लोगों से मिलवाया था, जिसमें महिलाएं भी शामिल थी। सुरक्षा में हुई इस चूक को लेकर पिछले दिनों मामला सुर्खियों में आया, जिसके बाद अब मुख्यालय से डीएसपी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए हैं।
दरअसल, साध्वियों से यौन शोषण के मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत 20 साल की सजा काट रहा है, जो सुनारिया जेल में बंद है। 17 जुलाई को कुछ टेस्ट कराने के लिए डेरा प्रमुख को भारी सुरक्षा के बीच दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में ले जाया गया था। दिल्ली जाने और आने के दौरान डेरा प्रमुख की सुरक्षा की जिम्मेदारी डीएसपी महम के हवाले थी। वहां से लौटते समय डीएसपी ने डेरा प्रमुख को अपनी सरकारी गाड़ी में बैठाया था, जिनके साथ डेरा प्रमुख से मिलने वाली दो महिलाएं भी शामिल थी। रास्ते में कई जगह वाहन भी रोके गए और रूट भी बदला गया था। वहां से आने के बाद महम डीएसपी के सुपरविजन में काम कर रहे रोहतक के एक अन्य डीएसपी ने इसकी रिपोर्ट एसपी राहुल शर्मा को दी। एसपी ने तुरंत एडीजीपी संदीप खिरवार को मामले से अवगत कराया, जिसके बाद पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय को भेजी गई थी। इस रिपोर्ट में डीएसपी महम की सस्पेंड करने की भी सिफारिश की गई थी। अब इस मामले में डीएसपी महम को सस्पेंड कर दिया गया है। डीएसपी महम के सस्पेंड होने के बाद अन्य पुलिस अधिकारियों में भी बैचेनी बढ़ गई है।
पूरा मामला उजागर होने के बाद जब डीएसपी महम से इस बारे में उच्च अधिकारियों ने पूछा तो उन्होंने तर्क दिया कि चंडीगढ़ से किसी वीआइपी का फोन आया था, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वीआइपी का फोन आने के बाद भी डीएसपी ने इतनी बड़ी चूक कैसे कर दी। उन्होंने सभी प्रोटोकाल तोड़ते हुए डेरा प्रमुख को कई लोगों से मिलवा दिया। फिलहाल यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
TEAM VOICE OF PANIPAT