15.3 C
Panipat
November 22, 2024
Voice Of Panipat
Panipat

ड्रेन-2 के गंदे पानी की सफाई के लिए अपनाई जाएगी ये अनोखी तकनीक,आप भी जानिए

वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)

क्या कभी सुना है कि पौधे व पत्थरों से किसी गंदे पानी के ड्रेन की सफाई हो,हैरानी भरी बात जरुर है पर अब ये सच होने जा रहा है। जी हां, इस तकनीक का नाम है फाइटो रिमीडिएशन तकनीक। जिसके जरिए पानीपत के ड्रेन-2 में गिरने वाले गंदे पानी की सफाई की जाएगी। पानीपत के बाबरपुर के 800 मीटर लंबे कच्चे नाले में फाइटो रिमीडिएशन तकनीक लगाया जाएगा। यह नाला जीटी टोल प्लाजा के पास ड्रेन-2 में मिलता है। बता दें कि यमुना में मिल रही इस ड्रेन-2 के गंदे पानी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) की मात्रा ज्यादा रहने से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) बार-बार कड़ा रुख इख्तियार कर रहा है।

जिस पर एक्शन लेते हुए पानीपत नगर निगम बाबरपुर के 800 मीटर कच्चे नाले में इस तकनीक को प्रयोग करने जा रहा है। निगम ने इसके लिए टेंडर भी पास कर चुका है।वहीं इस प्रोजेक्ट पर करीब 12.50 लाख रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को सफलता हाथ लगने पर ड्रेन-1 में भी इस तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है।

चलिए बताते हैं फाइटो रिमीडिएशन तकनीक आखिर है क्या,दरअसल नाले में पहले गिट्‌टी व पत्थरों को जाल के सहारे खड़ा कर बांध का रूप दिया जाएगा। फेकर नाले में वे पौधे लगाए जाएंगे, जो आम तौर पर गंदगी में सुरक्षित रहते हैं। जिनमें क्याना, कोलेशिया, केटटेल, छोटा बांस, सिंघाड़े आदि प्रमुख है।ये पौधे जहां लगाए जाते हैं, वहां मिट्टी की जगह गिट्टी डाली जाती हैं। सीवरेज का पानी प्लांट में पहुंचने पर पौधे की जड़ें पानी में घुले नाइट्रेट और फास्फेट को अवशोषित कर लेते हैं। गिट्टी भी पानी को फिल्टर करने का काम करता है। करीब 27 प्रजातियों के अलग-अलग पौधों के समूह लगाए जाते हैं।

पत्थर और इन पौधों से होकर गुजरने वाला पानी पहले से 80 फीसदी तक साफ हो जाएगा। ये पौधे गंदगी युक्त पानी को सोखते हैं और साफ पानी छोड़ते हैं। इस प्रोसेस से 18 दिनों में ही पानी में केमिकल पदार्थ में 25 से 45 फीसदी की कमी हो जाती है। ड्रेन-2 का पानी यमुना में मिल रहा है। इसलिए बीओडी, सीओडी एवं अन्य केमिकल कम होने से एनजीटी की सख्ती कम होगी। नगर निगम के एक्सईएन प्रदीप कल्याण ने कहा कि पटियाला आदि शहरों में यह प्रोजेक्ट लग रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए यहां पहली बार प्रोजेक्ट लगाने जा रहे हैं।

वार्ड-25 से हरि नगर से लेकर बिशन स्वरूप कॉलोनी, देवी मंदिर के पास से कुटानी रोड होते हुए, सेक्टर-12 फिर सेक्टर-25 और आगे सेक्टर-29 पार्ट-1 की ओर ड्रेन-1 बहती है। इसे शहर की लाइफ लाइन कही जाती है। अगर इसमें यह प्रोजेक्ट लगाया जाए तो इसके किनारे रहने वाले लोगों को बदबू से मुक्ति मिलेगी। शहर की देखा-देखी समालखा सहित गांवों में भी यह प्रोजेक्ट जिला परिषद अपने स्तर पर ला सकता है। इससे भी गांव वासी का लाइफ स्टाइल बढ़ेगा। गंदगी से मुक्ति मिलेगी।

TEAM VOICE OF PANIPAT

Related posts

हरियाणा में 41 इंस्पेक्ट बने DSP, देखिए पूरी लिस्ट

Voice of Panipat

2 दिन बाद खत्म हुई ED की रोड़, व्यापारी वेदपाल तंवर की रेंज रोवर गाड़ी को ले गई टीम

Voice of Panipat

Panipat:- अब सनौली रोड पर आसान होगी कांवड़ यात्रा, नहीं होगी कांवड़ियों को दिक्कत

Voice of Panipat