तीन अध्यादेश को लेकर हरियाणा के किसानों में काफी रोष है। किसान इन कृषि बिलों को लेकर काफी चिंता में है। लेकिन सीएम मनोहर ने किसानों की चिंता को दूर करने के लिए इस विषय पर डिजिटल प्रेसवार्ता के जरिए चर्चा की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उनके हितों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी और उनकी फसल का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि तीनों कृषि अध्यादेश देश के किसानों के हित में है और मुद्दाविहीन विपक्ष किसानों को गुमराह कर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने साफ किया कि इन अध्यादेशों के आने से किसी भी प्रकार से सरकारी मंडियां बंद नहीं होंगी और एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी। एमएसपी से नीचे किसी भी फसल की खरीद नहीं की जाएगी। सीएम ने कहा कि अगर कोई भी किसान संगठन या अन्य कोई व्यक्ति सुझाव देना चाहते हैं या इन अध्यादेशों के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो वे सरकार से बातचीत करने के लिए आगे आएं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि उनके सुझावों पर सरकार द्वारा गंभीरता से विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे विपक्ष की दोगली राजनीति से सतर्क रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों के कृषि संबंधी मुद्दों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष ‘कृषि अदालत’ की स्थापना की जाएगी ताकि किसानों द्वारा की गई हर शिकायत का समाधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेशों में केवल किसानों को यह सुविधा दी गई है कि अगर कोई निजी एजेंसी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य पर सरकारी मंडियों के बाहर उनकी फसल की खरीद करना चाहती है, तो किसान अपनी फसलों को अधिक मूल्य पर बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग में एमएसपी से नीचे कोई कॉन्ट्रेक्ट नहीं होगा। हरियाणा में अभी भी कुछ जिलों में 333 कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग हो रही है, जिसमें सिरसा में 1100 एकड़, फतेहाबाद में 350 एकड, भिवानी में 900 एकड़ और गुरुग्राम में 321 एकड़ भूमि पर कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग होती है। यह एक सफल प्रयोग है। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार खरीफ 2020 खरीद सीजन के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर 1 अक्टूबर की बजाय 25 सितंबर, 2020 से खरीद शुरू करने की अनुमति मांगी है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संकट के समय में गेहूं और सरसों की खरीद के लिए किसानों की सुविधा के लिए मंडियों और खरीद केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई। इसी प्रकार, इस साल, धान की खरीद के लिए राईस मिलों में 200 नई मंडियां खोली जाएंगी, ताकि खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य मानदंडों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आढ़तियों से संबंधित मुद्दों को भी प्राथमिकता के आधार पर हल किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें किसी प्रकार की समस्या व कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि पिछले साल बाजरा व धान के लिए दामी के रूप में 252 करोड़ का भुगतान किया गया है और इस वर्ष गेहूं और सरसों के लिए दामी के रूप में 309 करोड़ का भुगतान किया है, 56 करोड़ शेष है, जिसका जल्द भुगतान किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा लस्टर लॉसिस की एवज में 19 करोड़ 37 लाख का भुगतान किया गया। इस वर्ष 26 करोड़ 28 लाख का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।