September 1, 2025
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अधिकारियों की मनमानी जारी, किला व मुख्य बाजार के लिए टेंडर प्रक्रिया में उलझा निगम

वायस आफॅ पानीपत (कुलवन्त सिंह)- नगर निगम के कमिश्नर को एक कराेड़ रुपए व अन्य 6 अधिकारियों को बिना टेंडरिंग प्रक्रिया के सीधे ही 1.45 करोड़ रुपए के काम कराने का अधिकार है। इसके बाद भी किला पर 8 माह व मुख्य बाजार में 2 माह से मकान व दुकानों में दरारें की आने से मुसीबत झेल किलावासियों को नगर निगम अधिकारियों ने टेंडरिंग प्रक्रिया में उलझा रखा है। नगर निगम अधिकारियों, नेताओं, विशेषज्ञों व भू-वैज्ञानिकों की जांच में दरारों के मुख्य प्राथमिक कारण किला की खस्ताहाल नालियां, गंदे पानी की निकासी के लिए डाली गई लीकेज पाइप लाइन, पुरानी सीवर लाइन, घरों में बने टैंक, किले की मिट्‌टी का कटाव व मिट्‌टी खिसकना माना गया है। समाधान नगर निगम करवा सकता था पर नहीं किया। इमरजेंसी में बिना टेंडर काम कराने के लिए नगर निगम कमिश्नर को एक करोड़ रुपए तक बजट खर्च का कमिश्नर है। इनके अलावा निगम एसई 50 लाख, 3 एक्सईएन 25 लाख व 2 सहायक इंजीनियर 10 लाख रुपए तक का बजट खर्च कर सकते हैं।

किला व इसके आसपास वाले क्षेत्र की नाली, नाले, सीवर व पाइप लाइन की मरम्मत के लिए नगर निगम ने 25 लाख रुपए का टेंडर लगाया है। यह प्रक्रिया कब पूर होगी और कब काम शुरू हाेगा इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। हालांकि सोमवार को एक ठेकेदार ने मुख्य बाजार का दौरा करके हालात देखे हैं, लेकिन लोगों का सवाल अब भी यही है कि काम कब शुरू होगा। मुख्य बाजार में नालियों, नालों व पाइन लाइन की मरम्मत लोगों ने खुद ही शुरू करवा दी।

मुख्य बाजार प्रधान निशांत सोनी, दुकानदार मन्नू की रेडिमेड गारमेंट्स दुकान, शिवानु, मदन चावला व जगदीश किराणा वाले का कहना है कि हमारा दर्द कौन समझेगा। कब तक नगर निगम, जिला प्रशासन व सरकार से मदद मिलने का इंतजार करेंगे। अपनी जान बचाने को आधी रात भी आए, हमारी जान का कोई मोल नहीं : अरोड़ा | किला संघर्ष समिति प्रधान दीपक अरोड़ा का कहना है कि नगर निगम अधिकारियों को जब अपनी जान बचानी थी तो इसके कर्मचारी दरारों वाले मकानों की फोटो लेने व नोटिस चस्पाने आधी रात में भी आए। हमारी जान जान इनके लिए कोई मोल नहीं है। इसलिए मरम्मत व अन्य कार्य 8 माह बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हो पाए। किलावासी नालियों, नालों, गंदे पानी की निवासी वाली पाइप लाइन की मरम्मत की मांग उठा रहे हैं, क्योंकि दरारों का प्राथमिक कारण इन्हीं को ही माना जा रहा है। किला पर 65 से ज्यादा मकानों में दरारें दिसंबर-2019 में आई थी। वहीं मुख्य बाजार में 2 माह पहले दरारें आना शुरू हुई थी, लेकिन 5 दुकान व 10 से ज्यादा घरों में दरारें खतरनाक होने की स्थिति 15 दिन पहले ही सामने में आई।

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