वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)
स्वच्छ भारत और हर घर जल जैसी बड़ी योजनाओं के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने की मुहिम छेड़ी है. दरअसल, बीते 15 अगस्त को लाल किले से पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने की घोषणा की थी. इसके साथ ही उन्होंने 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने के संकेत दिए थे. अब आधिकारिक तौर पर पीएम मोदी ने इसके खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. लेकिन सवाल है कि सिंगल-यूज प्लास्टिक क्या है और इसके दायरे में प्लास्टिक के कौन से प्रोडक्ट आते हैं? आइए जानते हैं इसके जवाब…
क्या है सिंगल-यूज प्लास्टिक?
सिंगल-यूज प्लास्टिक उसे कहते हैं जिसका हम एक बार ही इस्तेमाल करते हैं. रोजमर्रा की जिंदगी में तमाम ऐसे प्लास्टिक के प्रोडक्ट हैं जिसे हम एक बार इस्तेमाल कर फेंक देते हैं. इसी तरह के प्लास्टिक को सिंगल यूज प्लास्टिक कहा जाता है. इसे डिस्पोजेबल प्लास्टिक के नाम से भी जाना जाता है. सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट की बात करें तो इसमें- प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें, स्ट्रॉ, कप, प्लेट्स, फूड पैकजिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक, गिफ्ट रैपर्स और कॉफी के डिस्पोजेबल कप्स आदि शामिल हैं.
भारत में सिंगल प्लास्टिक यूज करने वालों में ई-कॉमर्स कंपनियां सबसे आगे हैं. एक अनुमान के मुताबिक सालाना उपयोग होने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट में करीब 40 फीसदी प्लास्टिक की खपत ई-कॉमर्स सेक्टर में होती है. दरअसल, सस्ती स्मार्टफोन कंपनियां समेत ई-कॉमर्स कंपनियां कस्टमर को अपने प्रोडक्ट की डिलिवरी करते हैं तो उसमें प्लास्टिक का अधिक यूज करते हैं. हालांकि अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों ने प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए पहल भी शुरू कर दी है.
पीएम मोदी की पहल को देखते हुए रेलवे मंत्रालय ने 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है. वहीं सड़क और परिवहन मंत्रालय द्वारा 11 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देश भर के राजमार्गों के आस-पास जमा प्लास्टिक को इकट्ठा करने का अभियान चलाया जाएगा. इसके साथ ही सभी मंत्रालयों में भी सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने का फैसला लागू हो गया है. इस बात की भी संभावना है कि आने वाले दिनों में सरकार की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक प्रोडक्ट की लिस्ट जारी की जा सकती है. इस प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर बैन और जुर्माने का प्रावधान हो सकता है.
प्लास्टिक के प्रदूषण के असर से कोई अछूता नहीं है. जो प्लास्टिक फेंक दिया जाता है वो मिट्टी और पानी दोनों को प्रदूषित करता है. इस वजह से जीवों के अलावा हमारे शरीर को भी नुकसान पहुंचता है. प्लास्टिक कई बीमारियों की जड़ भी बन चुका है. यही वजह है कि दुनियाभर के देश इसको लेकर कठोर रणनीति बना रहे हैं.
बता दें कि हर साल 300 मिलियन टन प्लास्टिक प्रोड्यूस होता है. इसमें से 150 मिलियन टन प्लास्टिक सिंगल-यूज होता है. यानी ये प्लास्टिक हम एक बार इस्तेमाल कर फेंक देते हैं. वहीं दुनियाभर में सिर्फ 10 से 13 फीसदी प्लास्टिक री-साइकिल हो पाता है.
TEAM VOICE OF PANIPAT