वायस ऑफ पानीपत (देेवेंद्र शर्मा)
हरियाणा में लंबे समय से चल रही सीआईडी की खींचतान पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद थम गई है..बुधवार रातोंरात सीएमओ के अफसरों ने राज्यपाल के हस्ताक्षर करवा सीआईडी का महकमा मुख्यमंत्री मनेाहर लाल के खाते में डाल दिया है…आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद सीआईडी लेने से पहले विज के महकमों में बैलेंस बनाने का काम किया गया। उसी के तहत वी उमाशंकर का तबादला किया गया। एनएचएम में निदेशक लगाया गया और डाक्टर भर्ती शुरू करने पर सहमति जताई गई। शाम के समय सीआईडी एसपी राजेश कालिया ने विज के कमरे में जाकर अनिल विज को सीआईडी से संबंधित ब्रीफिंग की।
अनिल विज अब इस पूरे मामले में ठंडे पड़ गए हैं। उन्होंने कहा है कि सीआईडी की ब्रीफिंग उन्हें शुरू हो गई। जो कि उनके लिए आवश्यक थी। चूंकि मैं गृह मंत्री हूं, इसलिए सीआईडी की ब्रीफिंग मेरे लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैने शुरू से कहा है कि सीएम सुप्रीम हैं। मेरा सीएम से कोई विरोध नहीं। वे जब चाहें महकमा ले या दे सकते हैं। मेरा विरोध सिर्फ अफसरों के लिए था। अब ब्रीफिंग शुरू हो गई है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है।
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुडडा ने कहा है कि अनिल विज ने बयान दिया था कि सीआईडी गृह विभाग में न होने का मतलब है कि नाक कान न होना। अब उनसे सीआईडी छिनने के बाद साफ हो गया है कि वे सिर्फ हाथ पैर वाले मंत्री रह गए हैं। नाक कान जा चुका है
TEAM VOICE OF PANIPAT