वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा मंत्रिमंडल की आज बैठक होनी है। इसमें राज्य की नई आबकारी नीति पर चर्चा संभव है। राज्य में शराब के रेट कम होने की संभावना है। सरकार देश व राज्य में बनने वाली शराब के दाम कम करने पर विचार कर रही है। हरियाणा मंत्रिमंडल की शुक्रवार को होने वाली बैठक में राज्य की नई एक्साइज पालिसी (आबकारी नीति) पर मुहर लग सकती है। एक्साइज पालिसी को अंतिम रूप देने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग की कई बैठकें हो चुकी हैं। यह विभाग उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास है।
भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार इस बार शराब के दाम नहीं बढ़ाएगी, लेकिन एक जोन में चार वेंडर की मंजूरी दी जाएगी। शराब ठेकेदारों को उप ठेके खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मेक-इन-इंडिया को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार अपने देश और राज्य में बनने वाली शराब के रेट कम करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में करीब दो दर्जन एजेंडे पर चर्चा होगी। कई अधिकारियों को उनकी सरकारी सेवाएं पूरी होने पर सेवा विस्तार दिया जा सकता है। सबसे अहम राज्य की आबकारी नीति पर मुहर लगना रहेगा।
नई पालिसी में शराब क दुकानों की संख्या घटाई जा सकती है। राज्य में 2600 दुकानें खुल सकती हैं, लेकिन नई पालिसी में इन्हें 2500 तक लाया जाएगा। अभी तक प्रदेश में हर जोन में दो ठेके थे। अब एक जोन में ठेकों की संख्या बढ़ाकर चार की जा सकती है। यानी 625 के करीब जोन प्रदेश भर में बनाए जा सकते हैं। शहरी ठेकों में वेंडर (ठेके) के साथ सब-वेंडर (उप ठेके) देने की मंजूरी नई पालिसी में नहीं मिलेगी। हालांकि गांवों में सब-वेंडर की पालिसी लागू रह सकती है। विदेश से आयात होने वाली शराब के मुकाबले भारत में बनने वाली विदेशी शराब को बढ़ावा देने के लिए परमिट फीस में कटौती संभव है।
ऐसा इसलिए भी किया जा सकता है क्योंकि सरकार ‘मेक-इन-इंडिया’ को बढ़ावा दे रही है। उन गांवों में ठेके नहीं खुलेंगे, जिन गांवों की पंचायतों की ओर से इसके लिए प्रस्ताव आए हुए हैं। 12 जून से राज्य में नई पालिसी लागू हो सकती है।
TEAM VOICE OF PANIPAT