वायस आफॅ पानीपत (देवेंद्र शर्मा): सीएम मनोहर लाल ने प्रदेश में 108 नए अंग्रेजी मीडियम सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकंडरी स्कूल और 1000 सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों (बैग फ्री स्कूल) की स्थापना के लिए मंजूरी दे दी है। इन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी। राज्य में 23 सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकंडरी स्कूल हैं और 418 बैग फ्री स्कूल पहले से ही चल रहे हैं।
इन स्कूलों के लिए शिक्षकों का एक अलग कैडर होगा और इनका चयन मौजूदा सरकारी स्कूलों के शिक्षण स्टाफ में से स्क्रीनिंग के आधार पर किया जाएगा। इन स्कूलों के लिए शिक्षकों की एक अलग स्थानांतरण नीति तैयार की जाएगी। प्रदेश में शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में चल रहे मॉडल संस्कृति सीनियर सेकंडरी स्कूलों को सीबीएसई से जोड़ा जाएगा, ताकि पढ़ाई का स्तर और तेजी से बदला जा सके। 1000 प्राइमरी संस्कृति मॉडल स्कूलों में अंग्रेजी-हिंदी दोनों माध्यम होंगे।
इन स्कूलों में फिजिक्स, बॉयोलॉजी, मैथ,कंप्यूटर व कैमिस्ट्री की लैब बनेंगी। स्विमिंग पूल, स्केटिंग रिंक, बास्केटबाल, डिजिटल व कंप्यूटर लाइब्रेरी बनाई जाएंगी। आधुनिक गार्डन आदि भी बनाए जाएंगे। इस बारे में गुरुवार को सीएम मनोहर लाल ने शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह सहित विभाग के अन्य आला अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में गहन मंथन किया।
1 से 5 वीं कक्षा के छात्रों से 500 रुपए का एक बार प्रवेश शुल्क लिया जाएगा, 6वीं से 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए यह 1000 रुपए होगा। कक्षा 1 से 3 के छात्रों से 200 रुपए, कक्षा 4 और 5वीं के लिए 250 रुपए, कक्षा 6 से 8 वीं कक्षा तक के लिए 300 रुपए, कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए 400 रुपए और कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए 500 रुपए मासिक शुल्क लिया जाएगा। स्मॉक डिटेक्टर, अग्निशमन उपकरण, सीसीटीवी, सौर ऊर्जा पैनल और भूनिर्माण जैसी बुनियादी सुविधाओं के अलावा, ये सभी संस्कृति मॉडल स्कूल छात्रों के लिए डिजिटल सुविधाओं जैसे डिजिटल कक्षा, प्रोजेक्टर, इंटरैक्टिव व्हाइटबोर्ड, एलसीडी, डिजिटल पोडियम, क्लाउड आधारित ई-लर्निंग पहल, वाई-फाई और बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से सुसजित होंगे।
नए प्राइमरी मॉडल संस्कृति स्कूल पूरी तरह से बैग फ्री होंगे। विद्यार्थियों के लिए यहां लॉकर बनाए जाएंगे। कापी-किताब आदि यहीं पर मिलेंगी। इनकी संख्या हर जिले में 40 से 50 होगी। इनमें स्मार्ट टीवी, विश्व स्तर के क्लासरूम, अलग से भवन आदि बनाए जाएंगे। सभी स्कूलों में एक सितंबर 2020 से दाखिले शुरू होंगे। जबकि कक्षाएं 2021 से शुरू होंगी। इन स्कूलों में अंग्रेजी में दक्ष टीचर ही नियुक्त किए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों को शिक्षा हासिल करने में किसी तरह की दिक्कत न रहे और वे विश्व स्तर की शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के साथ मुकाबला कर सकें।अब तक स्कूलों में बिजली न होने के कारण स्मार्ट पढ़ाई नहीं हो पाती थी। क्योंकि बिजली की उपलब्धता स्कूल समय में कई बार नहीं होती थी। अब ऐसा नहीं होगा। हर स्कूल की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इन्हीं के जरिए स्कूलों में बिजली उपलब्ध होगी। यदि स्कूल में अधिक बिजली तैयार होगी तो स्कूल इस बिजली को बिजली निगम को बेच भी सकेंगे। यही नहीं स्कूलों में बिजली से चलने वाले सारे उपकरण सोलर पैनल के जरिए ही चलेंगे।
TEAM VOICE OF PANIPAT