वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह)
सीएमओ डॉ0 संतलाल वर्मा ने गत दिवस कुछ दैनिक अखबारों में छपी खबर की पानीपत जिले में जो दो मौत हुई हैं, उन दोनों मौतों का कारण कोरोना वायरस की बिमारी नहीं है। इनमें से एक मौत बापौली निवासी एक वृद्धा की हुई है, जिसका कारण गिरने से सिर में चोट लगने के फलस्वरूप ब्रेन हेमरेज पाया गया है। इसी तरह नांगल खेड़ी निवासी एक छात्र की मौत दो-अढ़ाई महीने से चल रहे बुखार की वजह से हुई है। इन दोनों केसों में मौत का कारण कोरोना नहीं है। इसी तरह प्रेम अस्पताल की ओर से भी यह बताया गया है कि सुरेश जोसफ की मौत का कारण फ्लोर से गिरकर चोट लगना पाया गया है। सुरेश जोसफ की मानसिक हालत भी ठीक नहीं थी।
उपायुक्त हेमा शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा दी गई हिदायतों के अनुसार सभी लोग यह सुनिश्चित करें कि कोई भी सम्मेलन आयोजित न किया जाए।किसी भी तरह का जलसा या जुलूस न निकाला जाए। सभी त्यौहारों को श्रद्धा अनुसार अपने घर पर ही मनाएं। उन्होंने सभी से अपील की कि सोशल डिस्टेनसिंग को लेकर लोग आपस में जागरूकता फैलाएं।

डॉ संतलाल वर्मा ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस से सम्बंधित अभी तक तीन केस पॉजीटिव पाए गए हैं। कुल 115 सैम्पल अभी तक लिए गए हैं जिनमें से 82 की रिपोर्ट नेगटिव प्राप्त हुई है। होम अण्डर क्वारनटाईन के तहत 674 घरों के बाहर नोटिस चस्पा किए गए हैं। अब तक 478 घरों में 2438 लोगों को क्वारनटाईन में रखा गया है।
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कोरोना वायरस के चलते प्रवासी श्रमिकों के लिए जिला प्रशासन ने फौरी तौर पर बातों को ध्यान में रखते हुए जिस तरह से सटीक फैसला लिया है और इन्हें जिला के विभिन्न शैल्टर होम में शरण दी। उससे न केवल इनका पलायन रूका है, बल्कि इस आपदा की घड़ी में इन श्रमिकोंं का जिला प्रशासन के प्रति विश्वास भी बढ़ा हैं। यही कारण है कि अब जिला के विभिन्न शैल्टर होम में करीब 550 प्रवासी मजदूर रह रहे हैं।
जिला प्रशासन पानीपत ने यहां रहने वालों के लिए खाने से लेकर बच्चों के भोजन का भी पूरा प्रबन्ध किया है और इन्हें नियमित रूप से भोजन करवाया जा रहा है। शैल्टर होम में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा हर रोज प्रवासी मजदूरों के लिए स्वास्थ्य जांच की सुविधा दी गई है। डाक्टर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर रोज इनकी जांच कर इनका पूरा आंकड़ा दुरूस्त रखते हैं। शैल्टर होम में अच्छा वातावरण व माहौल देने की पूरी कोशिश की गई है। जिला प्रशासन के आला अधिकारी अपनी हर जिम्मेदारी का निर्वहन समर्पित भाव से कर रहे हैं।
डीसी हेमा शर्मा ने बताया कि शैल्टर होम में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है। किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या नहीं आने दी जा रही है। हर प्रकार की खाने इत्यादि की उत्तम व्यवस्थाओं व लॉकडाउन की अनुपालना के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की बार-बार हिदायत दी गई है। प्रवासी मजदूरों के लिए दिन की शुरूआत योग से होती है। यही नहीं, खाना इत्यादि के कार्य में प्रवासी मजदूर एक-दूसरे का हाथ भी बंटवाते हैं। इन सभी के लिए सूचनात्मक मनोरंजन भी उपलब्ध करवाने के उददेश्य से टीवी इत्यादि की व्यवस्था भी की गई है। शैल्टर होम में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं।
प्रवासी मजदूरों के पलायन का सिलसिला यूॅं ही नहीं थमा। गृह जिले व राज्यों की तरफ पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों को रोकना जिला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन कुछ सख्ती और भावुकता के साथ इन्हें इस चीज का विश्वास दिलवाया गया कि जिला में कोई भी प्रवासी मजदूर भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। उनके मनोभावों को समझते हुए विभिन्न समाजसेवी भी जिला प्रशासन के साथ आगे आएं और यही नहीं, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों ने भी जिला प्रशासन की अपील पर अपनी फैक्ट्री के श्रमिकों को वहां से निकालने की बजाय वहीं पर शरण देने और उनकी आर्थिक मदद करने का भी आश्वासन दिया।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बार-बार विभिन्न शैल्टर होम का दौरा कर पलायन कर रहे श्रमिकों को समझाते हुए कहा कि यह आप सभी का अपना शहर है। इस शहर में आपने कई-कई साल गुजारे हैं। इसी को देखते हुए आप सभी के लिए खाने और रहने के इंतजाम किए हुए हैं। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन आप सभी को लेकर संजीदा हैं। कोई भी व्यक्ति अपने आप को अकेला न समझें। आप सभी को किसी भी तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी। लॉकडाउन के बाद जब भी सरकार औद्योगिक संस्थानों के शुरू करने के आदेश करेगी, तब फिर से आप अपने काम पर लौट सकते हैं।

TEAM VOICE OF PANIPAT