वायस ऑफ पानीपत (सोनम) :- वकील महापात्रा ने अपने खत में लिखा की चीजों की बारीकी से जांच- पड़ताल नहीं की गई। विवादों में घिरे ‘आदिपुरुष’ फिल्म की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म सिनेमा हॉल में प्रदर्शित होने से पहले सेंसर बोर्ड फिल्म को प्रमाणपत्र देता है। उसकी जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड की है। लोगों की भावना के साथ खिलवाड़ करने जैसी फिल्म को कैसे रिलीज की इजाजत दी गई । उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि समाज में वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस फिल्म को जांच के बाद सेंसर बोर्ड को रिलीज के लिए इजाजत देनी चाहिए थी।
इस फिल्म को लेकर विवाद भी गहरा रहा है। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को भी पत्र लिखा है। और उन्होने कहा ऐसी स्थिति में आगे भी रिलीज होने वाली कई फिल्म रामायण, महाभारत आदि को सेंसर बोर्ड अच्छी तरह से जांच कर इजाजत दे। नोटिस में इसकी मांग की गई है।उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि समाज में वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस फिल्म को जांच के बाद सेंसर बोर्ड को रिलीज के लिए इजाजत देनी चाहिए थी।परंतु ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है। इसके चलते इस फिल्म के खिलाफ देश में विभिन्न जगहों पर विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं।इस फिल्म को लेकर विवाद भी गहरा रहा है। ऐसी स्थिति में आगे भी रिलीज होने वाली कई फिल्म रामायण, महाभारत आदि को सेंसर बोर्ड अच्छी तरह से जांच कर इजाजत दे। नोटिस में इसकी मांग की गई है।
*वकील महापात्र की ओर से भेजा गया नोटिस*
जानकारी के अनुसार, हाल ही में रिलीज हुई नई फिल्म आदिपुरुष को लेकर केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष को लीगल नोटिस हाईकोर्ट के वकील पद्मालय महापात्र की ओर से भेजा गया है।
* क्या है पूरा मामला*
बता दें आदिपुरुष फिल्म के संवादों को लेकर विवाद है। इसके संवाद मनोज मुंतशिर ने लिखे हैं। इसमें एक जगह पर भगवान हनुमान का संवाद है- आग तेरे बाप की, तेल तेरे बाप का, लंका तेरे बाप की, जलेगी भी तेरे बाप की।इस संवाद पर सबसे ज्यादा विवाद हुआ है। यही वजह है कि कई लोगों ने इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। बढ़ते विरोध को देखते हुए निर्माताओं ने विवादित संवादों को बदल भी दिया है। परंतु फिल्म को लेकर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर कोई खास असर नहीं पड़ा है।
TEAM VOICE OF PANIAPAT