वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- चैत्र अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है.. यह तिथि हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.. वर्ष 2025 में चैत्र अमावस्या 29 मार्च को पड़ रही है.. इस दिन पितृ दोष के उपाय करने से व्यक्ति को जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है.. आइए जानते हैं चैत्र अमावस्या का महत्व और पितृ दोष के उपाय…

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र अमावस्या के दिन बहुत ही शुभ योग का निर्माण होने जा रहा है.. ब्रह्म योग सुबह से लेकर रात 10 बजकर 04 मिनट तक है.. इसके बाद इंद्र योग की शुरुआत हो जाएगी.. ऐसे में यदि इस दौरान कोई महादेव का पूजन करेगा तो उसे दोगुना फल मिलने की सम्भावना है.. इसके अलावा इन शुभ योगों में पूजा-पाठ करने से जीवन के सब दुःख-संताप दूर हो जाएंगे..
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