वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- किसानों के बीच 10 सितंबर को हुई वार्ता में तय हुआ था कि बसताड़ा प्रकरण के मृतक आंदोलनकारी सुशील के परिवार के दो सदस्यों को सैंक्शन डीसी पद पर नौकरी दी जाएगी। इस मांग को सात दिन में पूरा कर दिया जाएगा। प्रशासन ने इन सात दिनों की गिनती राजकीय कार्य दिवसों में की। इस आधार पर सात दिन की अवधि सोमवार को ही पूरी हुई। इसी के साथ दिवंगत सुशील के परिवार के दोनों सदस्यों यानि बेटे साहिल और पुत्रवधू रितु को करनाल शुगर मिल में नौकरी दे दी गई।
बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज प्रकरण में पिछले दिनों हुए आंदोलन में प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच समझौते के फलस्वरूप आखिरकार दिवंगत किसान सुशील के परिवार के दो सदस्यों को करनाल शुगर मिल में नौकरी मिल गई। एमए शिक्षित उनके बेटे साहिल को क्लर्क और बीकाम शिक्षित पुत्रवधू रितु को अकाउंट शाखा में लगाया गया है। दोनों को यह नौकरी डीसी रेट की सेंक्शन श्रेणी में दी गई है। सोमवार को दोनों ने ज्वाइनिंग कर ली।
बताया जा रहा है कि मिल की प्रबंध निदेशक अदिति की ओर से इसके लिए पिछले सप्ताह ही आधिकारिक रूप से सूचित कर दिया गया था। दिवंगत आंदोलनकारी सुशील के बेटे साहिल काजल की उम्र 24 वर्ष है। उसने पंडित चिरंजीलाल राजकीय कालेज करनाल से इतिहास में एमए की है। जबकि साहिल काजल की पत्नी रितु ने करनाल के डीएवी कालेज से बीकाम पास की है। सुशील के बाद उनके परिवार में चार सदस्य हैं। इनमें बुजुर्ग माता, पत्नी, बेटा और पुत्रवधू शामिल हैं। परिवार के अनुसार दिवंगत सुशील काजल ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। इसके बाद खेती करके परिवार का गुजारा चला रहा था।
किसान के परिवार और जिले के प्रमुख किसान नेताओं ने पिछले दिनों हुए समझौते के अनुरूप प्रशासनिक स्तर पर निर्धारित समयावधि में ही यह मांग पूरी होने को लेकर संतोष जताया है। वहीं, उन्होंने प्रकरण में घायल गुरजंट सिंह, नरेंद्र सिंह, मनिंदर सिंह, गुरजीवन सिंह, राजेंद्र आर्य व अन्य किसानों को तय हुआ मुआवजा भी जल्द दिए जाने की मांग दोहराई है।
TEAM VOICE OF PANIPAT