वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- रेल मंत्रालय ने सभी जोन के महाप्रबंधक की शक्तियों में बढ़ोतरी करते हुए पैसेंजर ट्रेनें चलाने का फैसला उन पर छोड़ दिया है। पहले पैसेंजर ट्रेन चलाने के लिए रेल मंत्रालय तक प्रस्ताव जाता था, जिसकी हरी झंडी मिलने के बाद ही ट्रेन को चलाया जाता था। अब अपने जोन में महाप्रबंधक पैसेंजर ट्रेन को दौड़ा सकेंगे। यदि दूसरे जोन में पैसेंजर ट्रेन का गंतव्य स्टेशन होगा, तो इसकी अनुमति रेलवे बोर्ड से लेनी होगी।
पैसेंजर ट्रेनों के न चलने से रेलवे की आमदनी पर भी असर पड़ रहा था। अब रेलवे के इस फैसले से यात्रियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। शक्तियां मिलते ही महाप्रबंधकों ने अपने-अपने जोन में पैसेंजर ट्रेनें कहां-कहां दौड़ाई जा सकती है, इसके लिए मंडलों से प्रस्ताव भी मंगवा लिए हैं। कोरोना काल के बाद मालगाड़ियों की संख्या में इजाफा हुआ है। ऐसे में आपरेटिंग विभाग से भी पत्राचार किया गया कि पैसेंजर ट्रेनों का संचालन कैसे किया जाए। बता दें कि कोरोना काल में ट्रेनों को स्पेशल का दर्जा देकर दौड़ाया गया। बाद में पैसेंजर ट्रेनों को भी स्पेशल और मेल एक्सप्रेस का दर्जा देकर दौड़ाया गया।
पैसेंजर ट्रेनें न चलने से सीधा रेलवे की आमदनी पर असर पड़ने लग गया है। छोटे रेलवे स्टेशनों पर पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव होता था, लेकिन इनके बंद होने से स्टाल, पार्किंग, विज्ञापन आदि के टेंडरों पर असर पड़ने लगा है। यात्रियों के न होने के कारण स्टाल संचालकों ने भी लाइसेंस फीस को लेकर आपत्ति उठानी शुरू कर दी। अब पैसेंजर ट्रेनों के चलने से यात्रियों को सुविधा होगी और स्टाल संचालकों की आमदनी बढ़ेगी।
रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस का दर्जा देकर दौड़ा दिया, लेकिन काफी ठहराव बंद कर दिए हैं। इसके लिए रेलवे मुख्यालय ने सभी मंडलों से छोटे स्टेशनों पर आमदनी, यात्री संख्या आदि की जानकारी मांगी थी। इसके अलावा रात्रि 11 बजे से लेकर अल सुबह चार बजे तक भी ट्रेनों का डाटा खंगाला गया। इस समयावधि में ट्रेनों का ठहराव कहां है और कितने यात्री ट्रेन से उतरते और चढ़ते हैं, इसका डाटा एकत्रित किया गया। इसके बाद कई ट्रेनों के ठहराव बंद किए गए।
मंडल रेल प्रबंधक जीएम सिंह ने कहा कि रेल मंत्रालय ने जोन में पैसेंजर ट्रेन चलाने को लेकर शक्तियां जीएम को सौंपी हैं। इससे रेलवे की आमदनी बढ़ेगी और यात्रियों को सुविधाएं मिलेगी। किन रूट पर पैसेंजर ट्रेन चलाई जा सकती हैं, इसको लेकर काम किया जा रहा है।
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