वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):-सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है.. इस शुभ अवसर पर स्नान-ध्यान, भगवान शिव की पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है.. साथ ही पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है.. अमावस्या तिथि पर देवों के देव महादेव की पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.. साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते है.. चैत्र अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है.. सूर्य ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव बढ़ जाता है.. इसके लिए ग्रहण के दौरान शुभ काम करने की मनाही होती है। साथ ही खानपान पर भी प्रतिबंध रहता है.. सूर्य ग्रहण के दौरान कई राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है.. आइए, इन राशियों के बारे में जानते हैं..

*कब है सूर्य ग्रहण*
29 मार्च को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक 12 घंटे पूर्व लगता है.. वही चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक 9 घंटे पहले लगता है.. सूतक के दौरान शुभ काम नहीं किया जाता है.. सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा.. इसके लिए सूतक भी मान्य नहीं होगा.. हालांकि, शास्त्र द्वारा निर्धारित नियमों का पालन अवश्य करें.. ग्रहण के दौरान शुभ काम न करें.. इसके अलावा, खानपान से भी परहेज करें.. वहीं, भगवान विष्णु का ध्यान करें..

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