वायस ऑफ पानीपत(देवेंद्र शर्मा)- किसानों की ओर से मंगलवार को जिला सचिवालय के अनिश्चितकालीन घेराव के मामले को लेकर सोमवार को किसान नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। किसान की मांगों को लेकर प्रशासन के साथ सुलह नहीं हो सकी। किसानों ने बैठक से बाहर निकलने पर कहा कि वे प्रशासन की बात से संतुष्ट नहीं हैं। मंगलवार को नई अनाज मंडी में उनकी महापंचायत होगी। इसमें हरियाणा के अलावा पंजाब व उत्तरप्रदेश से भी किसान पहुंचेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी करनाल आएंगे। पंचायत के बाद वे सेक्टर 12 जिला सचिवालय का घेराव करने पहुंचेंगे। मंडी में किसान पंचायत में प्रशासनिक अधिकारियों का बातचीत के लिए इंतजार किया जाएगा। यदि प्रशासन मांगें स्वीकार कर लेता है तो घेराव रद्द कर दिया जाएगा। किसान वापस चले जाएंगे।
भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि प्रशासन के समक्ष मांगें रखी गई थी। लाठीचार्ज के दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने, किसानों के वाहन क्षतिग्रस्त होने पर उचित मुआवजा दिया जाए, लाठीचार्ज में चोटिल किसानों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा, रायपुर जाटान गांव के मृतक किसान के परिजनों को 25 लाख रुपये व एक आश्रित को सरकारी नौकरी की मांग रखी। प्रशासन ने मृतक के एक बेटे को डीसी रेट पर नौकरी देने की बात कही जबकि बाकी मांगें नहीं मानी। डीसी रेट की बजाय पक्की नौकरी की मांग है।
उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज मामले में अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की बजाय जिला प्रशासन बचाव कर रहा है। प्रशासन कोई भी फोर्स तैनात करे लेकिन किसान शांतिपूर्वक आंदोलन करेंगे। शांतिपूर्वक तरीके से मंडी में एकत्रित होंगे। यदि पुलिस रोकेगी तो बैरिकेड तोड़कर सचिवालय पहुंचेंगे। पुलिस बेशक लाठी, गोली या वाटर कैनन चलाए, जेल में डाले, हमारी किसानों को सख्त हिदायत है कि कोई हाथ नहीं उठाएगा। किसान राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम नहीं लगाएंगे। लाठीचार्ज मामले में प्रशासन दोषी है। प्रशासन का घेराव करना ही किसानों का मकसद है। बैठक में गुरनाम सिंह चढूनी के अलावा, हैप्पी औलख, जगदीप सिंह, बसताड़ा टोल धरना कमेटी अध्यक्ष रामपाल चहल व अन्य किसान मौजूद थे।
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