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October 20, 2025
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रेल मंडल ने बनाया 12 की बजाय 24 डिब्बों का प्लेटफार्म, रेलवे फिर भी नाराज, पढिए वजह.

वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- रेल मंत्रालय ने खर्चों में कटौती करने के आदेश जारी किए, लेकिन अंबाला रेल मंडल ने दो ऐसे स्टेशनों पर करोड़ों रुपया खर्च कर दिया, जहां पर आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। मंडल के कौली और दौनकलां स्टेशन नए बनाए गए हैं। दौनकलां स्टेशन पर कोरोना से पहले रोजाना महज सात यात्री ही ट्रेन में सवार होते थे, जबकि मौजूदा समय पैसेंजर ट्रेनें न चलने के कारण एक भी गाड़ी इन स्टेशनों पर नहीं रुक रही।

पिछले दिनों उत्तर रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पंजाब के राजपुरा दौनकलां रेलवे सेक्शन के दोहरीकरण का निरीक्षण करने पहुंचे, तो वे भी रेल अफसरों की फिजूलखर्ची देखकर हैरान हो गए। शैलेश कुमार ने अधिकारियों से पूछा कि दौनकलां और कौली रेलवे स्टेशन पर 12 डिब्बों की ही पैसेंजर ट्रेन रुकती है, तो 24 डिब्बों के लिए इतना लंबा प्लेटफार्म क्यों बना दिया। दरअसल इन दोनों स्टेशनों पर करोड़ों रुपया खर्च कर दिया, जिसको लेकर वे नाखुश नजर आए। सीआरएस ने 18 किलोमीटर लंबे राजपुरा और दौनकलां के दोहरीकण को मंजूरी दी। वे 17 सितंबर 2021 को उक्त रेल सेक्शन का दौरा कर रहे थे।

राजपुरा-बठिंडा रेलवे सेक्शन में कौली और दौनकलां रेलवे स्टेशन करीब सात किलोमीटर के दायरे में बने हुए हैं। सन 2019 में इन दोनों स्टेशनों को बनाने का काम शुरू किया गया था। रेल विकास निगम लिमिटेड को दोनों स्टेशन बनाने का जिम्मा दिया गया था। इन स्टेशनों के साथ इस रूट पर करीब 170 किलोमीटर की लाइन डबल होनी है, जिसको निगम ही कर रहा है। यह प्रोजेक्ट करीब 1700 करोड़ रुपये का है। फिलहाल 18 किलोमीटर की डबलिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है।

कोरोना के कारण पैसेंजर ट्रेनों का संचालन अभी शुरू नहीं हो पाया है। यदि कोरोना से पहले की बात करें, तो दौनकलां रेलवे स्टेशन पर अप में ट्रेन संख्या 54757, 54557, 54551, 54553 रुकती थीं। डाउन में ट्रेन संख्या 54552, 54558, 54758 रुका करती थीं। फरवरी 2020 की बात करें, तो इस मामले में करीब 190 यात्री ट्रेन में सवार हुए, जबकि आमदनी महीने तीन हजार रुपये के करीब थी। इस स्टेशन से 35 रुपये से अधिक की टिकट भी नहीं मिलती थी। सीआरएस शैलेश कुमार ने कहा कि पैसेंजर ट्रेन के मुताबिक ही प्लेटफार्म बनाने चाहिए थे। यात्रियों की संख्या के मुताबिक ही खर्चे किए जाने चाहिए। उन्होंने माना कि दोनों स्टेशनों के निरीक्षण के दौरान खर्च को लेकर सवाल उठाये गए थे।

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