वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- पीएम नरेंद्र मोदी ने आज अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के बैसाखी में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का उद्घाटन किया.. यह इतनी ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन टनल है.. चीन सीमा से लगी इस टनल की लंबाई 1.5 किलोमीटर है.. PM ने इसके अलावा 55 हजार से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण-शिलान्यास किया.. टनल के बनने से आम लोगो के अलावा सेना का भी फायदा होगा.. टनल चीन बॉडर से लगे तवांग को हर मौसम में रोड कनेक्वीटी देगी… बारिश बर्फबारी के दौरान यह इलाका देश के बाकी हिस्सों से महीनों कटा रहता था.. LAC के करीब होने के कारण यह टनल सेना के मूवमेंट को खराब मौसम में और भी बेहतर बनाएगा..
प्रधानमंत्री ने इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा- पूरे देश में विकसित राज्य से विकसित भारत का राष्ट्रीय उत्सव तेज गति से जारी है.. हमने जो काम 5 साल में किए कांग्रेस को उसे करने में 20 साल लगते.. पूरा नॉर्थ ईस्ट देख रहा है कि मोदी की गारंटी कैसे काम कर रही है…
अरुणाचल प्रदेश के सेला पास के नजदीक बनी यह टनल बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने बनाई है.. टनल के बनने से चीन बॉर्डर तक की दूरी 10 किलोमीटर कम हो जाएगी.. यह टनल असम के तेजपुर और अरुणाचल के तवांग को सीधे जोड़ेगी.. दोनों जगह सेना के चार कोर मुख्यालय हैं, जिनकी दूरी भी एक घंटे कम हो जाएगी..
बारिश, बर्फबारी और लैंडस्लाइड के दौरान बालीपारा-चारीद्वार-तवांग मार्ग साल में लंबे समय तक बंद रहता है.. टनल के बनने के बाद मिलिट्री का मूवमेंट चीन की सीमा तक बेहतर हो गया है.. सेना कम समय में हथियार और मशीनरी मूव कर पाएगी.. 1962 में चीनी सैनिक इस क्षेत्र में भारतीय सेना के साथ भिड़ गए थे और तवांग शहर पर कब्जा कर लिया था.. 2019 में PM ने जब इस टनल की आधारशिला रखी थी, तब इसकी लागत 697 करोड़ आंकी गई थी.. अब इसकी लागत 825 करोड़ रुपए है.. टनल को अप्रैल 2023 तक पूरा करना था.. हालांकि, कोरोना की वजह से इसके बनने में देरी हुई..
TEAM VOICE OF PANIPAT