वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- अब हरियाणा में पांच साल रहने वाले केवल प्राइवेट नौकरियों में मिलने वाले 75 प्रतिशत आरक्षण का फायदा उठा सकेंगे. सरकारी नौकरी के लिए सिर्फ वे ही पात्र होंगे जिनके पास मूल निवास प्रमाण-पत्र है. यानी हरियाणा में सरकारी नौकरी केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मिलेगी जो यहां कम से कम 15 साल से रह रहे हैं. इतने साल राज्य में रहने के बाद बना मूल निवास प्रमाण-पत्र ही सरकारी नौकरियों में आवेदन के लिए मान्य होगा.
गर्वनर के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दे रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण कानून लागू होने के बाद 15 साल की जगह पांच साल की संशोधित शर्त से आरक्षित वर्ग में नाराजगी है. उन्होंने आगे कहा कि, ‘हरियाणा के आरक्षित वर्ग को लगता है कि दूसरे राज्यों के आरक्षण प्राप्त कैंडिडेट्स यहां नौकरी पाने में सक्षम होंगे. मैं घोषणा करना चाहता हूं कि सरकारी रोजगार के मौजूदा मानदंड या अधिसूचनाएं बनी रहेंगी और पांच साल के निवासी प्रमाण पत्र के लिए पांच साल की आवश्यकता केवल निजी नौकरियों के लिए होगी.’
केवल इन्हें मिलेगा जाति प्रमाण-पत्र –
सरकारी नियमों के अनुसार जाति प्रमाण-पत्र केवल उन्हें ही दिया जाएगा जो जन्म से हरियाणा के निवासी हैं. इसके साथ ही सरकारी नौकरी के लिए पांच साल के डोमिसाइल की वैधता को अब खत्म कर दिया गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री खट्टर ने चुन-चुनकर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया और ये भी कहा कि वे विधानसभा में विधेयक लाएंगे जिसके बाद दस साल पुराने ट्रैक्टर 2025 तक एनसीआर में चलाए जा सकेंगे.
TEAM VOICE OF PANIPAT