वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- नए संसद भवन में पहले दिन की कार्यवाही में महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई.. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में महिला आरक्षण बिल की पुरजोर वकालत की.. पीएम मोदी के भाषण के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लोकसभा में पेश किया.. बिल पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल को दोनों सदनों से पारित किए जाने और कानून बनने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं.. कानून बनने के बाद निचले सदन और राज्य के विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएगी..
अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जानबूझकर बिल को पास नहीं किया गया। महिला आरक्षण की अवधि 15 साल की होगी..
कानून बनने के बाद क्या-क्या बदल जाएगा..
लोकसभा में महिलाओं की संख्या 181 हो जाएगी..
महिला आरक्षण की अवधि 15 साल की होगी..
SC/ST के लिए तय सीटों में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी..
भारतीय राजनीति में बड़ी तादाद में महिलाओं की एंट्री होगी..
बता दें कि इस बिल को लेकर लोकसभा में विपक्षी नेता और कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल अभी भी अस्तित्व में हैं.. इसे राजीव गांधी, नरसिम्हाराव और मनमोहन सिंह की सरकार में भी पेश किया गया था.. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिल अब अस्तित्व में नहीं है.. नेता प्रतिपक्ष के बयान को रिकार्ड से हटाया जाए.. बता दें कि नेता प्रतिपक्ष के इस बयान पर लोकसभा में जमकर हंगामा मचा.. बयान पर हंगामा मच गया है। उनके भाषण पर एनडीए सांसदों ने आपत्ति जताई है..
इस बिल के मुताबिक, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए तय सीटों में से ही 33 फीसदी का आरक्षण मिल सकेगा। वहीं, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीटों में से ही 33 फीसदी आरक्षण उनकी समाज की महिलाओं के लिए होगा.. बता दें कि इस बिल में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण का प्रविधान नहीं रखा गया है.. लोकसभा में आरक्षण वाली सीटों का निर्धारण परिसीमन के बाद किया जाएगा..
TEAM VOICE OF PANIPAT