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July 26, 2025
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फिर इतिहास रचने को तैयार भारत, श्रीहरिकोटा से 100वीं लॉन्चिंग करेगा ISRO

वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधन संगठन 29 जनवरी का एक इतिहासिक उपलब्धि के साथ  अपने 100वें प्रक्षेपण के लिए तैयार है.. इस मिशन के तहत GSLV-F15 रॉकेट के द्वारा NVS-02 उपग्रह को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAR) से लॉन्च किया जाएगा.. यह प्रक्षेपण भारत के स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम NavIC को एक और मजबूत क्षमता प्रदान करेगा…

GSLV-F15 मिशन की उड़ान ISRO के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत के स्वदेशी नेविगेशन उपग्रह प्रणाली NavIC को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य NVS-02 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित करना है.. NVS-02, NavIC प्रणाली का दूसरा उपग्रह है, जो सटीक स्थिति निर्धारण सेवाओं को और बेहतर बनाएगा..

NavIC (Navigation with Indian Constellation) भारत की स्वदेशी क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट प्रणाली है, जिसे विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में सटीक स्थिति, वेग और समय (PVT) सेवाएँ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.. यह प्रणाली भारतीय भूभाग से लगभग 1,500 किलोमीटर दूर तक कार्य करती है.. NavIC में दो प्रकार की सेवाएँ शामिल हैं—मानक पोजिशनिंग सेवा (SPS), जो 20 मीटर तक की सटीकता प्रदान करती है, और प्रतिबंधित सेवा (RS), जो अतिरिक्त नेविगेशन सुविधाएँ देती है..

NVS-02 उपग्रह दूसरी पीढ़ी का उपग्रह है और इसमें एक मानक I-2K बस प्लेटफ़ॉर्म है.. इसका लिफ्ट-ऑफ द्रव्यमान 2,250 किलोग्राम है और इसमें लगभग 3 किलोवाट की पावर हैंडलिंग क्षमता है.. इस उपग्रह में एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड, और सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड होगा.. यह उपग्रह आईआरएनएसएस-1ई की जगह 111.75 डिग्री पूर्व में तैनात किया जाएगा..

इस प्रक्षेपण में ISRO की तकनीकी विशेषज्ञता और स्वदेशी क्रायोजेनिक चरणों का उपयोग किया जाएगा.. GSLV-F15 रॉकेट की यह उड़ान GSLV की 17वीं उड़ान है और स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण वाली 11वीं उड़ान है, जो ISRO की तकनीकी क्षमता को और मजबूत करती है.. इस मिशन में धातु के पेलोड फेयरिंग का उपयोग किया जाएगा और प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड (SLP) से होगा..

NVS-02 का प्रक्षेपण इसरो की सफलता की दिशा में एक और कदम है.. यह भारत के स्वदेशी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और नेविगेशन प्रणालियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.. इसके अलावा, NVS-02 उपग्रह में स्वदेशी और खरीदी गई परमाणु घड़ियों का संयोजन है, जो सटीक समय निर्धारण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है..

TEAM VOICE OF PANIPAT

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