वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार ने जानकारी देते हुए बताया तकनीक के इस युग में लगभग हर व्यक्ति कंप्यूटर अथवा मोबाइल से जुड़ा हुआ है। ऐसे में साइबर अपराधी भी अपराध करन के नये-नये तरीके अपना रहे हैं। जिसमें एक तरीका फर्जी कस्टमर केयर के माध्यम से लोगों के रूपये ठगना है। आम लोग किसी भी कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर पाने के लिये सर्च इंजन का सहारा लेते हैं। ऐसा करते समय कुछ सावधानियां बरतने की अत्यंत जरूरत है, क्योंकि साइबर अपराधी किसी भी तरह की एक चूक की ताक में रहते हैं। इंटरनेट मीडिया के माध्यम फेसबुक और ट्विटर से लेकर गूगल तक ये अपराधी फेक कस्टमर केयर नम्बर डालकर अपना जाल फैकते हैं। किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जरा सी गलती पर वह साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाता है। साइबर अपराधी किसी बैंक, कंपनी या संस्था की वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट बनाने से लेकर सोशल साइटों व गूगल मैप आदि पर गलत नंबर डालकर देते हैं। जिस कारण लोग असल और फेक वेबसाइटों मे अंतर नही पहचान पाते और साईबर ठगी का शिकार हो जाते है।
निम्न बातों का रखें ध्यान :-
1. सर्च करते समय रिजल्ट में सबसे ऊपर दिखी वेबसाइट को ही सही ना माने, सबसे ऊपर के रिजल्ट के साथ यदि विज्ञापन लिखा दिख रहा है तो उस पर क्लिक करने से परहेज करें ।
2. यदि कोई सरकारी वेबसाइट है तो उसके अंत में जीओवी.आईएन या एनआईसी.आईएन जरूर होगा । ऐसा है तो वेबसाइट ठीक है।
3. कोई भी वेबसाइट खोले तो यह अवश्य जांच ले कि वह सिक्योर है या नहीं ।
4. गूगल मैप के रिजल्ट पर एकदम से कभी भी भरोसा नहीं करें। इसे कोई भी एडिट कर सकता है।
5. ट्विटर और फेसबुक पर ब्लूटिक जरूर चेक करें । अगर ये वैरिफायड है तो सुरक्षित है।
6. किसी तरह के लालच मे ना आए। आज के समय में साइबर अपराधी सस्ता लोन या प्रलोभन इत्यादि किसी भी तरह का ऑफर देने के बहाने लोगो के साथ ठगी कर रहे है।
7. अपने एटीएम कार्ड का नम्बर सीवीवी, कार्ड का पिन, नेट बैंकिंग का पासवर्ड व ओटीपी आदि शेयर ना करे ।
TEAM VOICE OF PANIPAT