वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- महाशिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म होली-दिवाली से कम नही है.. भगवान को समर्पित इस त्यौहार की धूम हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रेदश लगभग सभी जगह देखने को मिलती है.. महाशिवारत्रि का पर्व दक्षिण कैंलेडर के अनुसार माघ के महीने में और उत्तरी भारतीय केलेडर के अनुसार फाल्गुन महीने में मनाया जाता है भक्त शिव मंदिरों मे पूरे विधि- विधान के साथ शिव की पूजा करते है.. शिवलिंग पर दूध, धतूरे के फूल, बेल पत्र आदि चढ़ाते है ओर पूरे दिन पूरे दिन उपवास भी रखते हैं। उपवास को लेकर लोगों का मानना है कि इससे भगवान मनचाहा फल देते है.. अगर आप भी पहली बार रखने जा रहे हैं महाशिवरात्रि का व्रत, तो जान लें इससे जुड़े कुछ जरूरी नियम
*शिवरात्रि व्रत्त के नियम*
- व्रत में गेहूं या चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.. इसके अलावा साबुत अनाज से बनी चीज़ें भी नहीं खानी चाहिए..
- व्रत में आप सिंघाड़े का हलवा, कुट्टू, सामा के चावल, आलू आदि का सेवन किया जा सकता है..
- महाशिवरात्रि के दिन अगर आप व्रत्त रख रहे है.. तो एक समय फलहार करना चाहिए..मतलब आप एक समय भोजन खा सकते है…
*महाशिवरात्रि व्रत्त के लाभ*
महाशिवरात्रि का व्रत रखने से धन, सम्मान, सुख-शांति की प्राप्ति होती है.. अगर कोई कुंवारी कन्या यह व्रत रखती है.. तो इससे विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं..
*महाशिवरात्रि के व्रत्त में ना खाएं ये चिजें*
- व्रत में लहसुन-प्याज का सेवन वर्जित होता है..
- महाशिवरात्रि के दिन सफेद नमक नहीं खाना चाहिए.. इसकी जगह सेंधा नमक खाया जा सकता है..
- उपवास के दौरान बहुत ज्यादा तला-भुना खाना अवॉयड करें.. इससे पाचन सिस्टम डिस्टर्ब हो सकता है..
- व्रत में मांस, मंदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए..
- महाशिवरात्रि व्रत में दिन में सोएं नहीं..
TEAM VOICE OF PANIPAT