वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- पंजाब एव हरियाणा हाईकोर्ट नें हरियाणा को बड़ा झटका दिया है.. हाईकोर्ट ने सरकार के अनुसूचित जाति कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने के फैसले पर रोक लगा दी है.. वही कार्यवाहक चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस अमन चौधरी की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 फरवरी की डेट तय की है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि इस बीच कोई और प्रमोशन नहीं किया जाएगा.. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्टेट काउंसिल की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए सरकार को कोर्ट की सहायता करने का एक और मौका दिया है.. हाईकोर्ट ने यह निर्देश कमलजीत सिंह और अन्य याचिकाकर्ता के द्वारा दायर अपीलों पर दिया है..
* हरियाणा सरकार का ये था फैसला*
अपने आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया था… कि 7 अक्टूबर के लागू नि निर्देशों के अनुसार पदोन्नति, उन निर्देशों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं में निर्णय के अधीन होगी, जिसके तहत मानव संसाधन विभाग ने हरियाणा को निर्देश दिया था। सरकारी विभाग अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देंगे।प्रमोशनल कोटा के स्वीकृत पदों के 20 प्रतिशत की सीमा तक समूह ए और बी पदों के सभी संवर्गों में आरक्षण दिया जाना था..
*याचिका में ये दी गई 4 दलीलें*
कमलजीत सिंह और अन्य याचिकाकर्ताओं ने चार आधारों पर निर्देशों को चुनौती दी थी, जिसमें यह दलील भी शामिल थी कि अनुसूचित जाति के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का आकलन करने की कवायद, आरक्षण प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा राय तैयार करने से पहले की जानी थी.. यह प्रत्येक संवर्ग के लिए अलग-अलग किया जाना था न कि पदों के एक समूह के लिए.. यह भी तर्क दिया गया कि आरक्षण प्रदान करने की शक्ति राज्य सरकार के पास थी और इसे विभागीय पदोन्नति समिति को नहीं सौंपा जा सकता था। इसके अलावा, पदोन्नति पदों में आरक्षण प्रदान करने से पहले क्रीमी एससी लेयर को बाहर करना आवश्यक था और अनुच्छेद 335 के मापदंडों को पूरा करने के लिए यह अभ्यास आवश्यक था..
TEAM VOICE OF PANIPAT