वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- हरियाणा के फरीदाबाद में बादशाह खान सिविल अस्पताल में एक व्यक्ति अपनी 7 साल की बेटी के शव को गोद में लेकर भटकता रहा.. वह अस्पताल के बाहर बेटी के शव को लेकर खड़ा रहा अस्पताल के किसी स्टाफ ने नहीं बताया कि कि अस्पताल से शव को ले जाने के लिए वहां फ्री एंबुलेंस उपलब्ध है.. यहीं नहीं कोई भी ऑटो वाला बेटी के शव को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ… पिता बेटी के शव को काफी देर तक इधर- उधर लेकर भटकता रहा.. बाद में जानकर के ऑटो में शव को घर ले गया..

जानकारी के मुताबिक आपको बता दे कि वह मूल रुप से झारखंड के गोड्डा जिले का रहने वाला है.. एक साल से फरीदाबाद के पटेल चौक के पास किराए के मकान में अपनी पत्नी और चार बच्चों एक बेटी और 3 बेटों के साथ रह रहा है.. बुधवार सुबह 3 बजे बेटी शबनम को उल्टी दस्त की शिकायत हुई.. इसके बाद वह पास के ही एक बंगाली डॉक्टर के पास उसे इलाज करने के लिए ले गए थे.. वहां डॉक्टर ने उनकी बेटी को इंजेक्शन और दवाई दी.. लेकिन दवाइयों से उनकी बेटी को बिल्कुल भी आराम नहीं हुआ.. पंकज ने बताया की बंगाली डॉक्टर ने उनकी बेटी को खाली पेट ही इंजेक्शन लगाया था…इसके चलते उनकी बेटी की तबीयत बिगड़ने लगी थी.. शाम होते-होते उनकी बेटी शबनम की हालत और खराब होती चली गई ..
इसके बाद शबनम को वह शाम को लगभग 7:30 बजे फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे.. डॉक्टरों ने उनकी बेटी को देखते ही मृत घोषित कर दिया.. हालांकि इस दौरान अस्पताल स्टाफ ने उनकी बेटी की मृत्यु के बाद एक फॉर्म भरकर उन्हें दिया, लेकिन किसी ने उन्हें जानकारी नहीं दी कि अस्पताल से उन्हें शव ले जाने के लिए घर तक फ्री में एंबुलेंस मुहैया कराई जाती है..यहीं नहीं कोई भी ऑटो वाला बेटी के शव को ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ… पिता बेटी के शव को काफी देर तक इधर- उधर लेकर भटकता रहा.. बाद में जानकर के ऑटो में शव को घर ले गया..
TEAM VOICE OF PANIPAT