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June 22, 2025
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95 वर्षीय मास्‍टरजी का युवाओं सा जज्‍बा, 100 मीटर रेस में जीता स्‍वर्ण पदक

वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- 95 साल की उम्र। ढलान की उम्र मगर हौसला आसमान पर। यह कहानी है स्वस्थ जीवन की नई कहानी गढ़ रहे झज्जर जिले के गांव छारा के मास्टर साहब सिंह की। देशी खानपान, संतुलित दिनचर्या और निरंतर अभ्यास की बदौलत अभी हाल ही वह दिल्ली में 100 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीत लाए। इस स्वर्णिम दौड़ से समाज को यह संदेश दे गए कि जीवन के आखिरी क्षण तक तन-मन स्वस्थ रखा जा सकता है। हौसले से ओत-प्रोत इस जज्बा को वह वेटरन दौड़ के 30 पदक लेकर साकार कर चुके हैं। उनकी यह जीवनशैली प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी पसंद आई है। मुख्यमंत्री ने बाकायदा अपने फेसबुक अकाउंट पर मास्टरजी की तस्वीर शेयर कर उनकी प्रशंसा की है।

मास्टर साहब सिंह गांव छारा और आसपास के 14 गांवों के खाप संगठन के प्रधान भी हैं। उन्होंने खेलो मास्टर गेम्स की 100 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। दिल्ली के त्याग राज स्टेडियम में 30 अप्रैल से दो मई तक हुए खेलो मास्टर गेम्स में उन्होंने यह स्वर्णिम जीत हासिल की। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें सम्मानित किया और चरण छूकर आशीर्वाद भी लिया। इधर गांव में स्वर्ण पदक विजेता साहब सिंह के साथ सेल्फी लेने वालों की भीड़ लग गई। साहब सिंह कहते हैं कि अब उनका लक्ष्य 200 और 500 मीटर दौड़ में भी पहला स्थान पाने का है।

मास्टर साहब सिंह कहते हैं कि वे खुद को फिट रखने के लिए रोजाना दो किलोमीटर दौड़ते हैं। उनका मकसद है देखादेखी बच्चों और युवाओं में जोश जगाना। बच्चे उन्हें देखकर मेडल लाने का लक्ष्य बनाएं। उनके अंदर मुझे फालो करके आगे बढऩे की प्रेरणा जागे। साहब सिंह बताते हैं कि उनकी इस सेहत का राज देसी खानपान है। वह हर रोज सुबह-शाम गांव के स्टेडियम में अभ्यास करते हैं। चार बजे उठते हैं। दो किलोमीटर दौड़ते हैं। फिर योगासन करते हैं। शाम को हल्का व्यायाम करते हैं। भारी भोजन से परहेज करते हैं। सर्दियों में गाय का दूध व घी तो गर्मियों में लस्सी लेते हैं। रोजाना 11 बादामगिरी का अपने हाथों से बनाकर शेक पीते हैं।

TEAM VOICE OF PANIPAT

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