वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- हरियाणा के मुलाना में स्थित महर्षि मारकंडेश्वर डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (एमएमयू) के हॉस्टल में इंजीनियरिंग के छात्र 20 वर्षीय पूर्णेंदु मिश्रा उर्फ भव्य प्रेम की लाश फंदे पर लटकी मिली। कमरा नंबर 372 में संभवत 3 दिन पहले उसने आत्महत्या की होगी। लॉकडाउन की वजह से यूनिवर्सिटी में क्लास नहीं लग रही हैं। उसका रूममेट लॉकडाउन से पहले ही बिहार घर चला गया था। कमरे से दुर्गंध आने के बाद जब दरवाजा तोड़ा गया तो लाश पंखे झूलती मिली। पूर्णेंदु 30 मार्च को बिहार के दरभंगा स्थित घर से यहां हॉस्टल आया था। वह बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड कम्युनिकेशन (सीएससी) के दूसरे वर्ष का छात्र था। उसने सोशल साइट पर 21 जून तड़के 4 बजकर 48 मिनट पर आखिरी पोस्ट डाली। जिसमें डायरी के 4 पन्नों पर पेंसिल से 5 कविताएं लिखी हैं।
इनके शीर्षक हैं-आखिरी पैगाम, मां, भाई, बहन और वो। इन्हीं कविताओं में सुसाइड की वजह संकेतों में लिखी है। पूर्णेंदु के पिता राजेश मिश्रा प्राइमरी टीचर हैं। पूर्णेंदु के 3 और भाई हैं। परिजनों ने किसी की कोई शिकायत नहीं की है। भाई यशवर्धन राज ने बताया कि शनिवार (19 जून) को आखिरी बार पूर्णेंदु ने घर पर बात की थी। सोमवार (21 जून) को घर पर मैसेज किया कि अब दोबारा बात नहीं करेगा। दो दिन से वह मोबाइल कॉल नहीं उठा रहा था, चिंता हुई तो हॉस्टल प्रबंधन को सूचना दी। परिजनों ने हालांकि किसी को कोई शिकायत नहीं दी है। भाई ने बताया कि कुछ दिन पहले यूनिवर्सिटी से सीएससी विभाग के अध्यक्ष का फोन आया था और शिकायत की थी कि पूर्णेंदु का नाम किसी लड़की से छेड़छाड़ के मामले में आया है। उसके बाद परिजनों ने उसे समझाया भी था। उसके बाद से ही बात नहीं हो रही थी। दूसरी तरफ एमएम यूनिवर्सिटी के सीएससी विभागाध्यक्ष संदीप गोयल ने कहा कि छेड़छाड़ का कोई मामला उनकी जानकारी में नहीं है और न ही उन्होंने पूर्णेंदु के घर फोन किया था।
पूर्णेंदु को गिटार बजाने, गाने व कविताएं लिखने का शौक था। वह भव्य प्रेम के नाम से कविताएं लिखता था। सोशल साइट पर भी इसी नाम से आईडी बना रखी थी। भगवान शिव शंकर का पक्का भगत था और एक हाथ में रुद्राक्ष की माला पहने रखता था।
20 जून रात को ये 2 पोस्ट की
पहली पोस्ट रात 10:22 बजे
इश्क मुहब्बत प्यार धोखा इनसे रिश्ता तोड़ रहा हूूं खुद को पहचानने के लिए खुद को ही छोड़ रहा हूं जिंदगी रूठी है हमसे जिंदगी से ही मुंह मोड़ रहा हूं जिस तरफ मेरे भोले बैठे हैं मैं उस ओर हो रहा हूँ
दूसरी पोस्ट रात 10:30 बजे
बदनाम हो गया मैं इश्क की राह में गुमनाम हो गया मैं बस तेरी चाह में अब धीरे-धीरे शिव में विलीन हो रहा हूं वापस न जागूं कभी ऐसी नींद सो रहा हूं
1. मां के लिए लिखा
मां, क्या हुआ जो सबने मुझे बुरा कहा तू किसी की मत सुन ठंड आ रही है मां, मेरे लिए एक स्वेटर बुन भले ही पहनने काे मैं नहीं रहूंगा उसे मेरी याद समझना मेरी बनावट तेरी जैसी है उसे तू ही पहनना।
2. पापा के लिए
क्यूं रूठे हाे मुझसे पापा, मैं गलत नहीं था कभी भी तुम ताे भूल गए मुझकाे पर मुझे याद आती है तेरी अभी भी।। नींद नहीं आती मुझकाे, तेरी आवाज काे तरसता हूं।
3. प्यार के लिए
वाे जब मुस्कराती थी जीने की वजह मिल जाती थी यार वाे मुझे बहुत सताती थी, दिन रात तड़पाती थी। याद बहुत अाती है उसकी अब चाहा था उसने मुझकाे कब उसकी यादाें में धीरे-धीरे पागल हाे रहा हूं जीने की चाहत नहीं, अब खुद काे खाे रहा हूं क्या-क्या कह रही हाे तुझे मैं गवारा नहीं तेरे बाद तेरे से पहले तुझसा काेई प्यारा नहीं।। क्या कभी तुझे मैंने परेशान किया है बस तेरे कारण मैंने जान दिया है।। बिना सच जाने ही सच जान लिया तुने बुरा नहीं था मैं पर बुरा मान लिया तुने।। चलाे इस बुराई काे खत्म करते हैं।। तुम जीओ अपनी जिंदगी हम मरते हैं।
4. भाई के लिए
याद आता है तेरा वाे बात-बात पर लड़ना दूसराें के सामने मुझे बुरा कहना।। आज सब मुझे बुरा मानते हैं, मुझकाे ताे बस अपने ही जानते हैं।। बुरा मैं नहीं तू ताे है मुझे जानता क्या मैं हूं जो लड़की छेड़ सकता।। हां, नशे बहुत किए हैं मैंने पर ये कभी नहीं, उड़ा बहुत था पर अब नहीं। एक लड़की ने बर्बाद कर दिया मुझे किसी लड़की से प्यार ना करना सलाह है तुझे। यही तेरे लिए है मेरी आखिरी राय, सो रहा हूं सब छाेड़कर अलविदा भाई ।।
5. बहन के लिए
जब भी टूटा था मैं सहारा तुम थी
जब गलत ठहराया जा रहा था मुझे तुम कहीं गुम थी
जरुरत थी जब मुझे जब तेरी मानाे या ना मानाे
बहुत प्यार करता हूं तुम जानाे या ना जानाे
एक झूठी अफवाह उड़ी और मैं बदनाम हाे गया
तन्हाईयाें में रहने लगा और गुमनाम हाे गया
पर तब भी तुझे बहुत याद करता था
बस तुमसे ही दिल की बात करता था
शायद अब और बातें नहीं कर पाऊंगा
मुस्कुराती रहना वरना नहीं मर जाऊंगा
ये आखिरी संदेश है मेरा पढ़ते समय राेना मत
ये मुस्कान तेरी अनमाेल माेती है इसे खाेना मत
TEAM VOICE OF PANIPAT