वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- हरियाणा के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की घटती संख्या पर शिक्षा विभाग अलर्ट पर है.. जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों को छोड़ कर गए बच्चों को वापस लाकर दाखिला किया जाए.. इसके लिए सभी जिलों को शिक्षा विभाग की ओर से टारगेट भी दिए गए हैं.. चरखी दादरी, हिसार समेत कई जिलों पर विभाग का खास जोर है.. दाखिले के मामले में राजकीय स्कूल साल दर साल पिछड़ते जा रहे हैं.. हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना समन्वयक को इसको लेकर पत्र जारी किया है.. स्कूलों में प्रवेश उत्सव के आयोजन के साथ शिक्षकों काे भी बच्चों की संख्या बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.. स्कूलों में मिल रही सुविधाओं की जानकारी देने के साथ बच्चों के भ्रमण का प्रोग्राम भी है..
शिक्षा विभाग ने सभी जिलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है.. जो विद्यार्थी शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से 2023-24 में स्कूल छोड़ गए, उनको वापस लाने के लिए सभी जिलों को टारगेट दिया है.. प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सबसे अधिक 25 प्रतिशत लक्ष्य चरखी दादरी जिले का है.. चरखी दादरी जिले में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कुल विद्यार्थी 31649 थे, जो शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के मुकाबले 10409 कम थे.. वहीं संख्या के हिसाब से हिसार जिले में सबसे बड़ा लक्ष्य है.. हिसार में 2025-24 के दौरान 133044 विद्यार्थी थे, जो 2022-23 से 32192 कम थे.. इस वर्ष 32192 विद्यार्थी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है..
रोहतक के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) मंजीत मलिक ने कहा कि विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.. इसके लिए स्कूलों में प्रवेश उत्सव चल रहा है.. वहीं नए स्टूडेंट्स को स्कूलों का भ्रमण करवाया जा रहा है और सुविधाओं की जानकारी दी जा रही है.. साथ ही लोगों को भी सरकारी स्कूलों में मिलने वाली बेहतर सुविधाओं की जानकारी देते हैं.. ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में दाखिला ले.. साथ ही प्रति टीचर को 2 नए स्टूडेंट्स का दाखिला करवाने का जिम्मा लगाया हुआ है..
TEAM VOICE OF PANIPAT