वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्य):- धर्म का अर्थ पूजा पद्धित नहीं बल्कि एसका अर्थ है अपने कत्र्तव्य का पालन करना यह बात हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर ने सोमवार को थिराना स्थिति ज्ञान मानसरोवर केंद्र में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में जिले भर के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सीखने के लिए सम्मान देने की जरूरत है। हमें हर कार्य अपना धर्म समझकर करना चाहिये। अन्याय को हमेशा धर्म ही नष्टï करता आया है। हमें बच्चों को ऐसे संस्कार देने चाहिये जो उनके विकास में सहायक हों। शिक्षक देश को दिशा देने वाला व बच्चों में संस्कार प्रदान कर मार्ग प्रशस्त करने का कार्य करते हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने जिले भर के विभिन्न विषयों के शिक्षकों को सम्मानित किया।कार्यक्रम में अध्यापकों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि सफलता पाने के लिए कठोर मेहनत की जरूरत है। शिक्षक ही वो कड़ी है जो मेहनत करवा करके बच्चों में निखार पैदा करने व उन्हे कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने का कार्य करता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षक अलग व्यक्तित्व है। उसकी समाज में अलग पहचान है। यह समाज की धुरी है। यह समाज में बदलाव रखने का मादा रखता है। भले ही कैसी भी परिस्थितियां क्यों ना हो आज भी समाज में उसका दर्ज सम्मान जनक है। शिक्षक सम्मान का हकदार हमेशा रहेगा। यह सम्मान उसे कोई नहीं छीन सकता।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहले गुरुकुल में आध्यात्मिकता पर जोर देते थे। गुरुकलों में जो शिक्षा दी जाती थी उसमें विद्यार्थियों में संस्कार कुट-कुट कर भरे जाते थे। यह सच है कि स्थिति समय अनुसार जरूर बदली है लेकिन संस्कार नहीं बदलते। आज के दौर में भी शिक्षा का महत्त्व कम नहीं हुआ है। आज भले ही सफलता का मापदंड पैसे ही क्यों ना हो लेकिन मेहनत के बलबुते जो सफलता हासिल हो ती है उसका सवाद ही अलग है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आध्यात्मिकता ही खुशी प्राप्त करने का जरीया है। वर्तमान समय में आध्यात्मिकता की जरूरत है। जब हम यह महसूस करने लगेंगे उसी दिन सारी समस्याएं समाप्त हो जायेंगी। इस मौके पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आध्यात्मिक संस्था ब्रह्माकुमारी मिशन के तहत कार्य कर रही है जिसकी चारों तरफ प्रशंसा है। नशा मुक्ति अभियान में उनका विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म अन्याय करने वालों को समाप्त करता है हमें अपने कर्तव्य को धर्म मानकर करना उसकी पालना करनी चाहिये। इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकरी कुलदीप दहिया, ज्ञान मानसरोवर के निदेशक भारत भूषण, ब्रह्मïाकुमारी केंद्र की इंचार्ज सरला के अलावा जिले भर के बीआरसी और बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।