वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- हरियाणा के युवाओं में बढ़ रही नशे की लत ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। देश के 272 नशा प्रभावित जिलों में हरियाणा के 10 जिले शामिल हैं। इनमें सिरसा, रोहतक, हिसार, फतेहाबाद, करनाल, नूंह, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत व सोनीपत जिले पूरी तरह से नशे की चपेट में आ चुके हैं। यानी आधा हरियाणा नशे की गिरफ्त में आ चुका है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ हरियाणा सरकार ने नशा प्रभावित इन जिलों में युवाओं को नशे के मकड़जाल से बाहर निकालने व नशा तस्करों पर लगाम कसने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ में संयुक्त रूप से प्रेस कान्फ्रेंस कर नशे के प्रति अपनी चिंता को जाहिर किया और इससे निपटने के लिए एक्शन प्लान की जानकारी दी। सरकार नशे की चपेट में आए युवाओं का नशा छुड़वाने के लिए नशामुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाएगी। साथ ही, उनकी काउंसलिंग भी होगी
वहीं दूसरी ओर, इस कारोबार में लगे लोगों को चिह्नित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर 9050891508 जारी किया है, जिस पर आम लोग नशे और इससे जुड़े लोगों के बारे में सूचना दे सकेंगे। हरियाणा सरकार ने नशे से निपटने के लिए ग्राम स्तर पर समितियां बनाने का निर्णय लिया है। नशे के शिकार लोगों की काउंसलिंग के साथ ही उनके पुनर्वास पर सरकार काम करेगी और इसमें सामाजिक लोगों का सहयोग रहेगा।
नशा तस्करी में शामिल लोगों की संपत्ति अटैच करने का सरकार ने अहम फैसला लिया है। तमाम पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि पिछले दिनों इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक हुई थी। राज्य सरकार ने 2018 में ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया था। मधुबन में इसका मुख्यालय है। उत्तर भारत के सात राज्यों पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, नई दिल्ली व जम्मू-कश्मीर ने साथ मिलकर पंचकूला में एंटी-ड्रग सेंटर स्थापित किया है। अब नशा विरोधी मुहिम को तेजी के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
मनोहर लाल ने स्वीकार किया कि प्रदेश के युवाओं में नशे का प्रचलन बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से नशीले पदार्थ पंजाब और हरियाणा के रास्ते देश के दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। इन पर भी सरकार की पैनी नज़र रहेगी। युवाओं में नशे का प्रचलन रोकने के लिए गांव स्तर पर विलेज मिशन टीमें बनेंगी। इसी तरह से वार्ड मिशन टीम, कलस्टर टीम, सब-डिविजन टीम, डिस्ट्रिक्ट टीम और स्टेट लेवल टीम होगी। गांव व वार्ड स्तर की टीमों में 10 लोगों को शामिल किया जाएगा। इनमें पांच अधिकारी होंगे और पांच समाज के संभ्रांत लोग शामिल किए जाएंगे।
सीएम ने कहा कि मिशन शुरू करने के पीछे सबसे बड़ा मकसद यह पता लगाना है कि प्रदेश में कुल कितने युवा नशे के आदी हैं। इन सभी का डाटा बनेगा। नशे की लत छुड़वाने के लिए अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नशामुक्ति केंद्र बनेंगे। पहले से भी नशामुक्ति केंद्र हैं लेकिन इनकी संख्या और भी बढ़ेगी। मार्च में इन सभी टीमों के गठन का ऐलान करते हुए सीएम ने कहा कि अप्रैल से स्टेट एक्शन प्लान पर काम शुरू हो जाएगा। अप्रैल से जुलाई तक यानी चार माह पूरे प्रदेश में नशे के खिलाफ मुहिम चलेगी। लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। नशे से जुड़े लोगों की सूचना देने वालों की जानकारी सरकार गोपनीय रखेगी।
गृह मंत्री अनिल विज ने जानकारी दी कि नशे से जुड़ा केस छोटा हो या बड़ा, पुलिस उसकी जांच तब तक बंद नहीं करेगी, जब तब कि डेड एंड (अंतिम परिणाम) तक नहीं पहुंचा जाता। प्रदेश को पूरी तरह से नशामुक्त किया जाएगा। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अलावा हरियाणा पुलिस की मुहिम भी साथ चलेगी। अनिल विज ने कहा कि पुलिस ड्रग, जुआ, शराब, सट्टा, गैर-कानूनी हथियार को लेकर नियमित रेड कर रही है। बदमाशों व ड्रग कारोबार से जुड़े लोगों को नसीहत देते हुए विज ने कहा कि बदमाश, बदमाशी छोड़ दें या फिर हरियाणा छोड़ दें’।
TEAM VOICE OF PANIPAT