वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा):- किसान आंदोलन और किसानों के मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री आमने-सामने हैं व उनके बीच ‘ट्वीट वार’ छि़ड़ गया है। हरियाणा में चल रहे किसान संगठनों के आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के बीच तीखा वाद-विवाद हुआ है। कैप्टन अमरिंदर ने ट्वीट कर हरियाणा के सीएम पर हमला किया मनोहरलाल ने एक के बाद एक आठ ट्वीट कर कैप्टन अमरिंदर पर सवाल उठाया दिया। मनोहर लाल ने हरियाणा में चल रही किसान हित की योजनाओं का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए कैप्टन से पूछा कि अब बताएं कि किसान विरोधी कौन है?
कुछ दिन पहले कैप्टन अमरिंदर ने किसान संगठनों के आंदोलन के बीच मनोहर लाल से इस्तीफा मांगा था, जिसके बाद मनोहर लाल ने सोमवार को किसान संगठनों के आंदोलन के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस आंदोलन के पीछे कैप्टन अमरिंदर का हाथ है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा आरोप लगाने के बाद कैप्टन अमरिंदर ने शाम को पलटवार किया। कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान को उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट किया। कैप्टन ने कहा कि हरियाणा के सीएम की टिप्पणी ने उनकी सरकार के किसान विरोधी एजेंडे को उजागर कर दिया है। कैप्टन ने हरियाणा सरकार को याद दिलाया कि करनाल में भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसान हरियाणा के थे, पंजाब के नहीं।
कैप्टन अमरिंदर की यह टिप्पणी आने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक के बाद एक आठ ट्वीट करते हुए पंजाब सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। मनोहर लाल ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि हरियाणा गेहूं, धान, सरसों, बाजरा, चना, मूंग, मक्का, मूंगफली, कपास और सूरजमुखी समेत 10 फसलें एमएसपी पर खरीदता है। फसलों की कीमत सीधे किसानों के खाते में जाती है। पंजाब सरकार बताए कि वह अपने राज्य में कितनी फसलें एमएसपी पर खरीदती है?
मुख्यमंत्री मनाेहरलाल ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि हरियाणा में किसानोकं को धान की खेती छोड़ने वाले हर किसान को 7000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से इन्टेंसिव दिया जाता है। पंजाब में ऐसा करने वाले किसानों को क्या इन्टेंसिव मिलता है ? मनोहरलाल ने अपने तीसरे ट्वीट में कहा है कि यदि किसानों की पेमेंट 72 घंटे से लेट हो जाए तो राज्य सरकार किसान को 12 प्रतिशत की दर से ब्याज देती है। क्या पंजाब अपने किसानों को यह ब्याज देता है? चौथे ट्वीट में पंजाब सरकार पर सवाल उठाते हुए मनोहरलाल ने कहा है कि हरियाणा में धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को पांच हजार रुपये प्रति एकड़ दिए जाते हैं, क्या पंजाब सरकार ऐसा करती है?
मनोहर लाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने इसके बाद अपने पांचवें ट्वीट में कहा कि धान की पराली के निस्तारण के लिए एक हजार रुपये प्रति एकड़ देता है। क्या पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने किसानों को ऐसा कोई लाभ देते हैं? अगले ट्वीट में मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा पिछले सात सालों से अपने राज्य के किसानों को देश में सबसे अधिक गन्ने का भाव दे रहा है। पंजाब ने आंदोलन के चलते अब हरियाणा की तर्ज पर यह राशि बढ़ाई है, क्यों। आखिरी ट्वीट में मनोहर लाल ने कैप्टन अमरिंदर से पूछा कि अब आप बताएं कि किसान विरोधी कौन हुआ? हरियाणा या पंजाब।
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हरियाणा सरकार अपने किसानों को बागवानी की फसलों के प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान देती है। राज्य में भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों के नुकसान की भरपाई की जाती है। क्या पंजाब सरकार में ऐसी कोई योजना है? हरियाणा में सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को अपनाने वाले किसानों को उपकरणों की खरीद पर 85 फीसद तक सब्सिडी देता हैं? तो क्या पंजाब के किसानों के लिए ऐसी कोई योजना है?
TEAM VOICE OF PANIPAT