वायस ऑफ पानीपत (कुलवन्त सिंह):- बरसत राेड स्थित द मैडिसिटी अस्पताल के मालिक पर सिविल सर्जन ने केस दर्ज कराया है। ये केस ऑक्सीजन की कालाबाजारी की आशंका पर 29 अप्रैल काे निरीक्षण के लिए गई टीम के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में हुआ है। सिविल सर्जन की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में कहा है कि 29 अप्रैल काे सिलेंडर की कालाबाजारी के संबंध में प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर दा मैड सिटी अस्पताल के निरीक्षण के लिए 3 सीनियर डाॅक्टराें की टीम गई थी। टीम में नाेडल अधिकारी एवं डिप्टी सीएमओ डाॅ. शशि गर्ग, पूर्व डिप्टी सीएमओ डाॅ. सुधीर बत्तरा और डाॅ. ललित वर्मा सहित एक पुलिस कर्मी भी था। निरीक्षण के दाैरान अस्पताल मालिक ने टीम के डाॅक्टराें के काम में बाधा उत्पन्न की। उनके साथ दुर्व्यवहार करने का प्रयास किया। गठित टीम ने अस्पताल के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
यह था मामला
टीम ने अस्पताल में जाकर डाॅक्टराें से पूछा था कि ऑक्सीजन कहां से आती है और एंट्री रजिस्ट्रर के रिकाॅर्ड कहां हैं, लेकिन वहां डाॅक्टराें और मरीजों का हंगामा शुरू हाे गया। अस्पताल प्रबंधन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-दूसरे पर आराेप लगाया था। अस्पताल के संचालक डाॅ. प्रवीन ने बताया था कि टीम ने सिलेंडराें की जानकारी मांगी थी। कुल 30 सिलेंडर थे, 12 भरे थे, 18 खाली थे। 29 अप्रैल काे विभाग ने काेई सिलेंडर नहीं दिया, जबकि उनके पास 15 मरीज एडमिट थे।
अस्पताल के डाॅक्टराें ने टीम से बदतमीजी की : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डाॅ. जितेंद्र कादियान ने बताया कि टीम के साथ अस्पताल के डाॅक्टराें ने बदतमीजी की थी। टीम जबकि चैंकिंग के लिए गई थी। ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी चैक करने गई टीम के साथ दुर्व्यवहार हुआ है। इस मामले में तत्कालीन डीसी काे भी अवगत करा दिया गया था।
आराेप निराधार हैं, टीम ने अपने बारे में बताया नहीं : संचालक
अस्पताल के संचालक डाॅ. प्रवीन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जाे आराेप लगाए हैं वाे निराधार हैं। टीम काे उस समय भी सिलेंडराें के बारे में जानकारी दी थी, दाेबारा फिर देने काे तैयार हूं। बदतमीजी मैंने नहीं की, टीम ने अपने बारे में परिचय तक नहीं दिया कि कहां से आए हैं और क्याें आए।
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