वायस ऑफ पानीपत (शालू मौर्या):- अगर आप भी यूनिपाइट पेमेंट इंटरफेस का इस्तेमाल करते है.. यूपीआई में जल्द ही एक बड़ा बवाल होने जा रहा है.. सरकार ने सुर्कलर में कहा था कि टैक्सपेयर्स जल्द ही यूपीआई से 5 लाख रूपये तक का टैक्स पेमेंट कर सकते है.. पहले ये लिमिट बहुत कम थी.. यह बदलाव लाखों टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत देगी.. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने देश के लाखों टैक्सपेयर्स की मदद करने के लिए UPI का उपयोग करके टैक्स पेमेंट के लिए लेन-देन की सीमा बढ़ा दी है..
एनपीसीआई की ओर से सर्कुलर 24 अगस्त 2024 को जारी किया गया था.. इसमें कहा गया था कि यूपीआई एक पसंदीदा भुगतान पद्धति के रूप में उभर रहा है, इस कारण खास कैटेगरी के लिए UPI में हर ट्रांजेक्शन लिमिट को बढ़ाने की आवश्यकता है.. सर्कुलर में आगे कहा गया कि संस्थाओं के लिए UPI में हर लेनदेन लिमिट टैक्स पेमेंट के लिए बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है..
NPCI ने बैंको को दिया निर्देश
NPCI ने बैंकों, पेमेंट्स सर्विस प्रोवाइडर्स और यूपीआई AAP से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सत्यापित व्यापारियों की एमसीसी 9311 कैटेगरी के लिए लेनदेन की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए.. एनपीसीआई ने कहा कि टैक्सपेयर्स को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्स भुगतान कैटेगरी के लिए बढ़ी हुई सीमा के लिए पेमेंट मोड के रूप में UPI सक्षम है..
कब तक लागू होगी ये लिमिट ?
NPCI ने बैंकों, पेमेंट्स सर्विस प्रोवाइडर्स और यूपीआई ऐप से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सत्यापित व्यापारियों की एमसीसी 9311 कैटेगरी के लिए लेनदेन की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए। एनपीसीआई ने कहा कि टैक्सपेयर्स को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्स भुगतान कैटेगरी के लिए बढ़ी हुई सीमा के लिए पेमेंट मोड के रूप में UPI सक्षम है। 5 लाख रुपये तक यूपीआई पेमेंट हॉस्पिटल और एजुकेशन संस्थान, IPO और RBI रिटेल डायरेक्ट स्कीम्स के लिए भी कर सकते हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि यह कुछ ही लेनदेन पर ही लागू होगी। इसके अलावा, आपको अपने बैंक और UPI से चेक करना होगा कि वे कितने तक की लिमिट की अनुमति दे रहे हैं। ज्यादातर पीअर टू पीअर लेनदेन के लिए 1 लाख रुपये तक की UPI लिमिट दी गई है। हालांकि ये बैंक तय करते हैं कि उनकी यूपीआई लिमिट कितनी होगी। जैसे इलहाबाद बैंक 25000 रुपये तक यूपीआई पेमेंट करने की लिमिट देती है। वहीं एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 1 लाख रुपये की लिमिट तय कर रखे हैं। वहीं कैपिटल मार्केट, कलेक्शन, इंश्योरेंस और विदेशी लेनदेन के लिए यूपीआई की लिमिट 2 लाख रुपये तक की है।
TEAM VOICE OF PANIPAT