वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- अब अगर आप थाने मे कोई शिकायत देने जाते है और उस मामले मे अगर उस थाने का एसएचओ 10 दिन मे कोई कार्यवाही नही करता तो उस थाने के एसएचओ पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है। इतना ही नही और अगर कोई मामला 20 दिन से ज्यादा लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी और जवाबदेही संबंधित डीएसपी की होगी। वहीं बीते दिन हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने बडे पुलिस अधिकारियो की मीटिंग लेकर कड़े आदेश देते हुए कहा है कि तो जनता और सरकार के प्रति राज्य के तमाम पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय कर दी है। अनिल विज ने कहा है कि अब किसी भी थाने में यदि कोई मामला 10 दिन से ज्यादा लंबित रहता है तो उसकी जवाबदेही एसएचओ की होगी।
बता दे कि राज्य के तमाम पुलिस अधिकारियों की बैठक लेते हुए अनिल विज ने एसएचओ से लेकर ADGP स्तर तक के अधिकारियों की जवाबदेही तय की है। गृह सचिव राजीव अरोड़ा, डीजीपी पीके अग्रवाल और एडीजीपी एएस चावला की मौजूदगी में हुई इस बैठक में गृह मंत्री अनिल विज के साथ सभी जिलों के सीपी, आइजी, एसपी, डीएसपी और एएसपी तक जुड़े। अनिल विज ने शिकायतों पर कार्यवाही में पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। अनिल विज ने बैठक मे ये भी कहा कि उनके पास पूरे प्रदेश से लोग आते हैं। लोगों को सबसे ज्यादा शिकायत पुलिस से ही होती है। थानों में उनकी सुनवाई नहीं होती और डीएसपी-एसपी रैंक के अधिकारी उनसे मिलने को तैयार नहीं होते। तभी उन्हें अंबाला या चंडीगढ़ की दौड़ लगानी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि लोगों की अर्जियों पर छह-छह माह तक कोई ध्यान नहीं देता। मैं इस बात को किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकता। विज ने कहा कि भविष्य में यदि कोई मामला 20 दिन से ज्यादा लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित डीएसपी की होगी। यदि 30 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एएसपी की होगी। अनिल विज ने जवाबदेही से sp को भी बांध दिया है। उन्होंने कहा कि यदि 45 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एसपी की होगी और संबंधित एसपी को मामले की देरी के संबंध में अपनी टिप्पणी रिकार्ड सहित देनी होगी।
एसपी को बताना होगा कि किस वजह से इस मामले के निस्तारण में देरी हुई है। यदि 60 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित आइजी या सीपी की होगी और संबंधित आइजी या सीपी को भी मामले के निस्तारण की देरी के संबंध में अपनी टिप्पणी रिकार्ड सहित देनी होगी। गृह मंत्री ने बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर 60 दिन से भी ज्यादा किसी मामले में देरी पाई जाती है तो उस मामले में संबंधित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को रिकार्ड सहित अपना जवाब देना होगा। उन्होंने अपराधों की रोकथाम के लिए क्राइम से संबंधित एक पोर्टल तैयार करने के निर्देश मुख्यालय के उच्च अधिकारियों को दिए, जिसके बाद हर संबंधित पुलिस अधिकारी अपने स्तर पर पोर्टल के माध्यम से क्राइम के मामले की जानकारी देख सकेगा। तो अब गृहमंत्री अनिल विज ने कड़े और बड़े आदेश दे दिए है और पुलिस अधिकारियो पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ताकि हरियाणा की जनता कार्यवाही के लिए धक्के न खाए और समय पर कार्यवाही हो।
TEAM VOICE OF PANIPAT