वायस ऑफ पानीपत (देवेंद्र शर्मा)- हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य के युवाओं को नशे से दूर रखने व छुड़वाने के लिए सभी जिलों में पुर्नवास केंद्र यानि नशा-मुक्ति केंद्र की स्थापना के संबंध में SOP यानि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एसओपी अगले 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक की देखरेख में तैयार की जाएगी। अनिल विज मंगलवार को गृह एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक बैठक की। इस दौरान विज ने कहा कि आगामी दो सप्ताह के भीतर नशीली दवाओं/पदार्थों से संबंधित जिलों के नोडल अधिकारी यानि डीएसपी व जिला सामाजिक न्याय व अधिकारिता अधिकारियों की ऑनलाइन बैठक बुलाई जाएगी और नशा मुक्ति के संबंध में समीक्षा की जाएगी।
हरियाणा राज्य नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख एवं एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने बताया कि इस साल नशीली दवाइयों की दस लाख गोलियां पकड़ी गई है। यह नशीली दवाइयां मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है, इसलिए हम इस समस्या के उपाय के लिए एक ऐप को विकसित कर रहे हैं, ताकि नशीली दवाइयों के बिक्री के संबंध में प्रेसक्रिप्शन यानि दवाई की पर्ची की जानकारी सांझा हो सकें। उन्होंने बताया कि ब्यूरो ने अब तक 325 जागरूकता कैम्पों को लगाया है। सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, रोहतक, फरीदाबाद व करनाल आदि में नशे का कारोबार में लिप्त लोगों को ज्यादा पकड़ा गया है। गृह मंत्री ने बताया कि जिस प्रकार से यमुनानगर के पुलिस अधीक्षक ने एनजीओ के सहयोग से अपने जिले में आठ लोगों को नशे की लत से मुक्त कराया है। इसी प्रकार से अन्य जिलों में भी यह कवायद की जाए।
विज ने बताया कि केमिस्ट की दुकानों पर कुछ नशीली दवाइयों के बिक्री के संबंध में प्रेसक्रिप्शन (दवाई की पर्ची) को लेकर एक ऐप विकसित की जा रही है। ताकि एक ही पर्ची पर ऐसी नशीली दवाइयों को युवा बार-बार न खरीद सकें। पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल ने बताया कि आने वाले दिनों में कुरूक्षेत्र की तर्ज पर अन्य जिलों में पुलिस व नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो द्वारा ऐसी कारवाई अमल में लाई जाएगी, ताकि राज्य से नशे का पूरी तरह से खात्मा किया जा सके।
TEAM VOICE OF PANIPAT