वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- पंजाब से दिल्ली जाने वाले वाहन चालकों की सुविधा के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बड़ा फैसला लिया है.. NHAI जालंधर से पानीपत तक सिक्सलेन हाईवे का रिकंट्रक्शन और ब्यूटीफिकेशन कराने जा रही है.. इसके लिए टेंडर अलॉट कर दिया गया है.. करीब 291 किलोमीटर लंबे इस सिक्सलेन हाईवे पर NHAI 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी..
इसी साल अक्टूबर से इसका काम शुरू हो जाएगा। इसमें सर्विसलेन से मेन हाईवे पर आने वाले हिस्सों में बदलाव किए जाएंगे.. जालंधर के अलावा लुधियाना, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़, सरहिंद, अंबाला, शाहाबाद, पिपली, करनाल और पानीपत जैसे शहर इस नेशनल हाईवे पर पड़ते हैं.. नए प्लान में इन शहरों के रिहायशी इलाकों को खास तौर पर ध्यान में रखा गया है..
गलत तरीके से बने ड्रेनेज सिस्टम को भी सुधारा जाएगा.. सिक्सलेन के पुनर्निर्माण और ब्यूटीफिकेशन का काम पूरा हो जाने के बाद शहरी आबादी से हाईवे पर आने वाले वाहन चालकों को सुविधा होगी..
बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के तहत सिक्सलेन हाईवे पर 5 नए पुल और कुछ अंडरब्रिज बनाए जाएंगे.. पांच पुलों में से एक हरियाणा और बाकी चार पंजाब की सीमा में बनेंगे.. हादसे रोकने के लिए नेशनल हाईवे पर ढाबों और पेट्रोल पंपों के सामने बने तकरीबन 300 अवैध कट बंद करने का भी प्लान है। यह पूरा प्रोजेक्ट अगले ढाई साल में कंप्लीट करने का टारगेट रखा गया है..
पानीपत से जालंधर तक यह सिक्सलेन प्रोजेक्ट नवंबर-2011 में पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन इसका काम आज तक अधूरा पड़ा है.. हाईवे के इस 291 किलोमीटर लंबे हिस्से पर 11 मई 2009 से 3 जगह टोल लिया जा रहा है.. खास बात ये है कि लुधियाना, अंबाला और करनाल में बने टोल इस हाईवे के सबसे महंगे टोल प्लाजा में शामिल है..
जालंधर से पानीपत के बीच सिक्सलेन हाईवे का कॉन्ट्रैक्ट NHAI ने वर्ष 2008 में सोमा कंपनी को दिया था, लेकिन वाहन चालकों को नियमानुसार सुविधाएं नहीं मिल सकीं.. NHAI ने कई बार सोमा कंपनी को नोटिस जारी किए लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया.. अब NHAI ने पानीपत से जालंधर के बीच अलग-अलग कंपनियों को टेंडर दिए हैं..
TEAM VOICE OF PANIPAT