वायस ऑफ पानीपत :- दसवीं के बाद CBSE ने 11वीं व 12वीं के अंकों के लिए पोर्टल खोल दिया है, जो 22 जुलाई तक खुला रहेगा। जो स्कूल समय पर अंक अपडेट नहीं कर पाएंगे, उन स्कूलों के परीक्षा परिणाम लेट हो सकते हैं। सीबीएसई की ओर से सभी स्कूल प्रिंसिपल और प्रमुखों को कहा गया है कि वह इस निर्देश का पालन करें। बोर्ड 31 जुलाई तक परीक्षा परिणाम घोषित करने की घोषणा कर चुका है। स्कूलों को निर्देशों का पालन करते हुए 22 जुलाई तक फाइनल मूल्यांकन अपलोड करना होगा। इसके बाद सुधार का कोई मौका नहीं मिलेगा। अगर कोई स्कूल मूल्यांकन अपलोड नहीं करते हैं तो ऐसे स्कूलों की बोर्ड अलग से सूची जारी करेगा।
इस समय 11वीं और 12वीं कक्षा के मार्क्स का माडरेशन बड़ी जिम्मेदारी है। बोर्ड ने स्कूलों से ईमानदारी के साथ अंक माडरेट करके अपलोड करने को कहा है। बोर्ड का कहना है कि कमेटी को अपना काम बोर्ड की तरफ से करना है। स्कूलों के कहे अनुसार नहीं। दसवीं के अंक अपलोड करने की तारीख 17 जुलाई तक थी। सॉफ्टवेयर दो सेक्शन में है। पहला विषय वाइज माडरेशन व दूसरा ओवर आल माडरेशन। टेबुलेशन की पूरी सीट में 10वीं, 11वीं व 12वीं प्रेक्टिकल और प्रोजेक्ट के नंबर दिखेंगे। बोर्ड ने साफ शब्दों में कहा है कि माडरेशन के बाद स्कूल ठीक से डाटा अपलोड करे। क्योंकि एक बार डाटा अपलोड होने के बाद सुधार या एडिङ्क्षटग की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। स्कूल द्वारा डाटा में किए जाने वाले बदलाव को बोर्ड अपने पास रिकार्ड में रखेगा।
माक्र्स का माडरेशन एक ऐसा प्रोविजन है, जिसमें उन छात्रों को ग्रेस माक्र्स दिए जाते हैं, जो थोड़े अंकों से फेल होने वाले होते हैं। इसके अलावा इस पालिसी में कठिन प्रश्नपत्र या गलत प्रश्नों के लिए भी ग्रेस माक्र्स देने का प्रविधान है। अब चूंकि कोरोना के चलते सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी नहीं हो सकी हैं। लिहाजा इस पालिसी के तहत 12वीं के छात्रों का रिजल्ट तैयार किया जाना है। इसके लिए 11वीं और पिछले तीन साल के अंकों को ध्यान में रखकर माक्र्स माडरेशन करना है।
सीबीएसई की सिटी कोआर्डिनेटर विनीता तोमर ने बताया कि बोर्ड ने पहले दसवीं के अंकों में संपादन के लिए 17 जुलाई तक मौका दिया था। अब 12वीं के अंकों को माडरेट करने के लिए 22 जुलाई तक का समय दिया गया है।
TEAM VOICE OF PANIPAT