वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- कल रामनवमी है..अयोध्या में इस मौके पर दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक होगा.. इस दौरान अभिजीत मुहूर्त रहेगा.. वाल्मीकि रामायण के मुताबिक त्रेतायुग में इसी समय श्रीराम का जन्म हुआ था.. श्रीराम जन्म पर पूजा और व्रत करने की परंपरा है.. पूजा के लिए करीब ढाई घंटे का एक ही मुहूर्त है, जो सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:35 बजे तक रहेगा..
अयोध्या वह स्थान है जिसे राम की जन्म भूमि के रूप में मान्यता प्राप्त है.. तथा राम जन्मभूमि मंदिर वह स्थान है जहां प्रभु राम को बाल रूप में पूजा जाता है.. इसीलिए उन्हें रामलला कहते हैं.. बालरूप में विद्यमान होने के कारण उनकी सेवा और लाड़ बच्चों की तरह किया जाता है.. अयोध्या में निर्मित मंदिर में श्रीराम की बाल्यकाल की छोटी सी मूर्ति मंदिर में स्थापित है. जिन्हें छोटे रामलला कहा जाता हैं.. इनके साथ लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की भी मूर्तियां विद्यमान हैं.. इनकी पूजा वंहा तब से हो रही है जब मंदिर नहीं बना था..
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