वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- सुप्रीम कोर्ट में पंतजलि आयुर्वेद के खिलाफ इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन(Indian Medical Association) ने भ्रामक विज्ञापन को लेकर याचिका लगाई है.. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने मंगलवार को सुनवाई की.. बाबा रामदेव व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए जारी किए गए समन के तहत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने पिछले नोटिस का जवाब ही नहीं दिया.. हम दस्तावेज देख रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि जवाब ना देने पर कंपनी और मैनेजमेंट के खिलाफ कंटेम्प्ट का केस क्यों ना चलाया जाए.. कोर्ट ने बाबा रामदेव और दूसरे आरोपी का एफिडेविट मांगा..
पंतजलि के और से एडवोकेट बलवीर सिंह और एडवोकेट सांघी ने दलीलें रखीं.. पतंजलि ने कहा- रामदेव कोर्ट में हैं, हम भीड़ की वजह से उन्हें कोर्ट में नहीं ला सके.. इस पर जस्टिस अमानतुल्लाह ने कहा- ठीक है, कोई बात नहीं उन्हें बुलाइए, हम पूछ लेंगे.. जस्टिस हिमा कोली ने कहा- हम यह स्वीकार नहीं करेंगे कि मीडिया डिपार्टमेंट को यह नहीं पता है कि कोर्ट में क्या चल रहा है, मानो ये कोई आईलैंड है.. यह केवल जुबानी बातें हैं.. दरअसल, पिछली सुनवाई में पतंजलि ने कहा था कि भ्रामक विज्ञापनों को कंपनी के मीडिया विभाग ने मंजूरी दी थी, जो नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश से अनजान थे..
*Indian Medical Association की याचिका पर सुनवाई कर रही कोर्ट*
सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशनकी(Indian Medical Association) ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी.. इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया.. वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया..