वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- पिछले कूछ वर्षो में क्रेडिट कार्ड यूजर्स में तेजी देखने को मिली है.. अब भले ही पर्स में पैसा ना हो, लकिन फिर भी हम क्रेडिट कार्ड के जरिये शॉपिंग कर सकते हैं। आप क्रेडिट कार्ड के जरिये शॉपिंग के अलावा रेलवे-हवाई टिकट भी बुक कर सकते हैं.. क्रेडिट कार्ड से बैंक और क्रेडिट कार्ड कंपनी को काफी अच्छा इनकम होता है.. कमाई के लिए बैंक और एनबीएफसी (NBFC) कार्ड ऑफर्स देते हैं.. ऐसे में सवाल है कि क्रेडिट कार्ड के जरिये बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी को कैसे कमाई होती है..
फाइनेंस चार्ज:- क्रेडिट कार्ड कंपनियां बैंक फाइनेंस चार्ड लेते है.. यह चार्ज कस्टमर के मिनिमम चार्ज चुकाने के स्थिति में क्रेडिट कार्ड बाकी अमाउंट पर इंटरेस्ट रे तौर पर लेता है। इस तरह के चार्ज से बचने के लिए आपको क्रेडिट कार्ड का बिल समय से चुकाना चाहिए..
लेट फीस:- अगर समय से बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो हमें लेट फीस देनी होती है.. लेट फीस के भुगतान का असर कस्टमर के क्रेडिट स्कोर (Credit Score) पर भी पड़ता है.. इस वजह से एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि ग्राहक को कम से कम मिनिमम चार्ज का भुगतान करना होता है..
कैश एडवान्स फीस:- कई बार ग्राहक कैश विड्रॉ करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं.. ऐसे में क्रेडिट कार्ड की मदद से एटीएम से कैश निकालने पर कई बैंक कैश एडवान्स फीस चार्ज लेता है.. यह चार्ज विड्रॉ कैश का 2 से 5 फीसदी होता है.. बता दें कि यह चार्ज काफी ज्यादा होता है इस वजह से ग्राहक क्रेडिट कार्ड के जरिये कैश विड्रॉ करना पसंद नहीं करते हैं..
बैलेंस ट्रांसफर फीस:- जब ग्राहक एक कार्ड के आउटस्टैंडिंग अमाउंट को दूसरे क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर करते हैं तो क्रेडिट कार्ड इसके लिए बैलेंस ट्रांसफर फीस लेता हैं। यह चार्ज 3 से 4 फीसदी तक का होता है। कई कंपनी या बैंक बैलेंस ट्रांसफर फीस को माफ कर देते हैं।
एनुअल फीस:- कई बैंक ग्राहकों से क्रेडिट कार्ड पर सालाना फीस लेते हैं। कुछ बैंक यह फीस पहले ही ले लेते हैं। कई बैंक लिमिट से ज्यादा क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर सालाना फीस माफ कर देते हैं। ऐसे में कई बार ग्राहक क्रेडिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। यह क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाले बैंक या कंपनी के हित में होता है।
TEAM VOICE OF PANIPAT