वायस ऑफ पानीपत (सोनम गुप्ता):- जिला में कुछ सामुदायिक केंद्र व मैरिज पैलेस आवासीय कॉलोनियों में स्थित है। जहा पर अक्सर विवाह, शादी व अन्य समारोह के दौरान आतिशबाजी एवं ऊंची ध्वनि में डीजे व लाउडस्पीकर बजाने के कारण आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सभी थाना प्रबंधकों ने सामुदायिक केंद्र, मैरिज पैलेस व डीजे संचालकों की बैठक लेकर नियमों की जानकारी दी; उल्लघंना करते पाए जाने पर होगी कार्रवाई*
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने ध्वनि प्रदूषण से आमजन को होने वाली परेशानियों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए जिला के सभी थाना प्रबंधकों व चौकी इंचार्जों को नियमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ निवारक कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के तहत सभी थाना प्रबंधक ने सामुदायिक केंद्र, मैरिज पैलेस व डीजे संचालकों की मंगलवार को बैठकर लेकर नियमों की जानकारी दे रात 10 बजे के बाद डीजे ना बजाने की अपील की।
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने कहा कि डीजे अथवा लाउडस्पीकर की ऊंची आवाज लोगों की परेशानी का कारण बनती है। देर रात तक ऊंची ध्वनि में डीजे व लाउडस्पीकर बजाने व आतिशबाजी के कारण आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक तरफ जहां विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं बिमार व हर आयु वर्ग के लोगों को किसी न किसी तरह से परेशानी होती हैं। जिला में रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर व डीजे बजाने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी।
यदि रात 10 बजे के बाद कोई डीजे या लाउडस्पीकर बजाता है तो उसकी सूचना पुलिस को दे। स्थानीय पुलिस द्वारा तत्परता से मौका पर पहुंचकर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी। निर्धारित समय के दौरान भी डीजे या लाउडस्पीकर नियम अनुसार निर्धारित की गई आवाज तक ही बजाए, जिससे कि ध्वनि प्रदूषण की स्थिति उत्पन्न न हो। बगैर अनुमति के रात 10 बजे के बाद डीजे बजाना कानूनी रूप से अपराध की श्रेणी में आता है। किसी भी कार्यक्रम में रात 10 बजे के बाद डीजे बजते हुए पाया गया तो डीजे संचालक व डीजे बजवाने वाले दोनों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। निर्धारित नियमों कि पालना न करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत सजा हो सकती है।
उन्होंने कहा कि आमजन शादी समारोह व अन्य खुशी के माहौल मे ऐसा कोई कार्य ना करें जिससे किसी दुसरे को परेशानी का सामना करना पड़े। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदुषण के कई दुष्परिणाम है, रक्तचाप का बढना, सुनने की क्षमता कमजोर होना इत्यादी। ध्वनी प्रदुषण से मनुष्य ही नही अपितु पशु पक्षियों के जीवन पर भी विपरित असर पड़ता है। ध्वनि प्रदुषण मनुष्य के आचरण, बर्ताव, मनोवैज्ञानिक स्थिती पर विपरित प्रभाव डालता है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ध्वनि प्रदुषण एक्ट के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
TEAM VOICE OF PANIPAT